देहरादून: मुख्यमंत्री गुरुवार देर सांय छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा को हम रोक नहीं सकते परंतु टेक्नोलॉजी और सिस्टम के माध्यम से इसके प्रभाव को पहले पहचान कर कम जरूर कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम से पूर्व एडमिरल डीके जोशी, लेफ्टिनेंट गवर्नर, अंडमान एंड निकोबार आइलैंड के साथ ही इस वैश्विक सम्मेलन में पहुंच कर दुनिया भर से आये विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से मुलाकात की. ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबली कनवेंशन सेंटर में आयोजित इस चार दिवसीय विश्व स्तरीय सम्मेलन को उन्होंने बहुत उपयोगी बताया.
मुख्यमंत्री ने छात्रों, संस्थान से जुडे लोगों तथा सम्मेलन के प्रतिभागी विभिन्न लोगों के साथ इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण तथा पर्यावरण के अनुरूप जीवन शैली अपनायें जाने, दैनिक जीवन में पर्यावरण प्रभावों के प्रति समाज में जन जागरुकता के प्रयासों से संबंधित शपथ भी ली. इस अवसर पर उत्तराखण्ड की विभिन्न लोक संस्कृतियों की जीवंन्तता का भी प्रदर्शन किया गया जिसकी सभी ने सराहना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रोएक्टिव अप्रोच के साथ आपदा को पहले से पहचान कर उसके प्रभावों को कम करने में सफल रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हमने पहाड़ों में हेल्थ, हेली सेवा एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया है ताकि कम से कम लोग आपदाओं में प्रभावित हो.
एडमिरल डीके जोशी, लेफ्टिनेंट गवर्नर, अंडमान एंड निकोबार आइलैंड, ने कहा कि उत्तराखंड और अंडमान एंड निकोबार दोनों डिजास्टर के मामले में काफी करीब है, हमारे अंडमान एंड निकोबार में सुनामी और स्टॉर्म आता है तो उत्तराखंड में लैंडस्लाइड, अतिवृष्टि जैसे आपदा आती रहती है. आज के समय में हमारे पास बहुत से ऐसी टेक्नोलॉजी और नए सिस्टम आ चुके हैं जो हमें डिजास्टर से पहले अलर्ट जारी कर देते हैं.
इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, सचिव आपदा प्रबंधन रणजीत सिन्हा, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, ग्राफिक एरा के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.