देहरादून: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे उत्तराखंड कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी के अपने घर कोटद्वार पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि गब्बर सिंह ने कोटद्वार सहित पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.
इस दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूडी भूषण ने कोटद्वार के लालपानी के बिशनपुर स्थित उनके आवास पर पहुंचकर उनका स्वागत सम्मान कर सम्मानित किया. साथ ही उन्हें मिष्ठान खिलाया.
विधानसभा अध्यक्ष ने उनके जज्बे और साहस की सराहना की. साथ ही उन्होंने गब्बर सिंह की धर्मपत्नी यशोदा देवी को माला पहना कर उनके धैर्य और उनके विश्वास की सराहना की. उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर 17 दिनों तक संघर्ष करते रहे. पल-पल निराशा और आशा के बीच जूझते हुए उनका जो वक्त वहां गुजरा शायद वो उसे कभी भुला न पाएं. इस सबके बीच ये सभी मजदूर गब्बर सिंह नेगी की ज़िंदादिली के भी ताउम्र के लिए कायल हो गए. गब्बर सिंह उन 41 श्रमिकों में शामिल थे, जो अंदर 17 दिनों तक फंसे रहे.
उन्होंने कहा कि वो नेगी ही थे, जिन्होंने मुश्किल की उन घड़ियों में जिंदगी जीने की उम्मीद इनके दिलों में जलाए रखी. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी कोटद्वार के पहाड़ के गब्बर के लिए कहना पड़ा, “देखो गब्बर सिंह, मैं तुम्हें तो विशेष रूप से बधाई देता हूँ, क्योंकि मुझे डेली रिपोर्ट हमारे मुख्यमंत्री जी बताते थे कि आप दोनों ने जो लीडरशिप दी और जो टीम स्प्रिट दिखाई मुझे तो लगता है कि शायद किसी यूनिवर्सिटी को एक केस स्टडी तैयार करनी पड़ेगी.”
उन्होंने चिंता जताई कि सुरंग में कार्य करने वाली कंपनियों को इस घटनाक्रम से सबक लेने की जरूरत है और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए ओर बेहतर कार्य करने चाहिए.