उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने प्रदेश में चल रहे नशा मुक्ति
केंद्रों (Drug
De Addiction) को लेकर अहम फैसले
लिए हैं। अब राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों को पंजीयन करवाना अनिवार्य कर दिया गया
है। बता दें कि राज्य में इस समय करीब 100 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे है। जिनमें से कुछ के
रजिस्ट्रेशन है, तो कुछ केंद्रों को बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा है।
लेकिन राज्य की धामी सरकार ने अब इन नशा मुक्ति
केंद्रो का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। पिछले कुछ समय से इस नशा मुक्ती
केंद्रों की कई शिकायते सामने आ रही थी। जिसके बाद सरकार ने अब राज्य के सभी नशा
मुक्ति केंद्रों का रजिस्टेशन अनिवार्य कर दिया है।
मिली थी नशा मुक्ति केंद्र की शिकायत।
आमतौर पर नशे की लत को कम करने और नशा छुड़ाने के लिए तमाम ऐसे लोगों को नशा
मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया जाता है। लेकिन देखने में आ रहा है कि बीते लंबे
समय से प्रदेशभर में संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों ने अब तक ना रजिस्ट्रेशन
करवाया है। और ना ही मानकों पर खरे उतरे है। ऐसे में अब प्रदेशभर में संचालित हो
रहे तमाम नशा मुक्ति केंद्रों को मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन
करवाना अनिवार्य होगा।
अवैध नशा मुक्ति केंद्र पर होगी कार्रवाई
जानकारी देते हुए
मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के नोडल अधिकारी मयंक बडोला ने कहा कि प्रदेशभर में
संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों को 14 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो
रहे प्रदेशभर में नशा मुक्ति केंद्रों पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है. इनको
बंद भी किया जा सकता है इसके लिए कई नशा मुक्ति केंद्र को नोटिस भी भेजे जाएंगे,
दिसंबर 14 रजिस्टेशन की आखिरी तारीख
राज्य में इस समय 100 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा
रहे है। और जिसमें लगातार भारी अनियमिताओं की शिकायते मिल रही थी। जिसको देखते हुए
नशा मुक्ति केंद्रों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। जल्द ही इन सभी नशा मुक्ति
केंद्रों को इसी माहीने के 14 तारीख तक अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करवाना होगा। ऐसा नही करने की हालत में अवैध
मानकर नशा मुक्ति केंद्रें के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही उसे
बंद भी किया जा सकता है। इसको लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दिया है।