राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के आदेश के अनुपालन में रविवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय सहित अधीनस्थ न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर राज्य के 13 जनपदों के जिला, पारिवारिक न्यायालयों एवं वाह्य न्यायालयों, राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग एवं ऋण वसूली अधिकरण देहरादून में कुल 104 खंडपीठों के द्वारा 22,720 वादों का निस्तारण कर एक अरब 11 करोड़ 25 लाख से अधिक के समझौते किये गये।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के सदस्य सचिव सहदेव सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में पूरे राज्य में 30365 वाद पंजीकृत किये गए थे। इनमें से उत्तराखंड उच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने 28 वादों का निस्तारण कर करीब 90 लाख समझौता राशि तय की। इसके अलावा प्री लिटिगेशन के यानी अब तक न्यायालय में नहीं पहुंचे 13853 वादों का निस्तारण कर 18.47 करोड़ से अधिक के, उपभोक्ता न्यायालयों में दो वाद निस्तारण कर 1.10 लाख व ऋण वसूली अभिकरण देहरादून में 29 मामलों का निस्तारण कर 40.57 करोड़ की समझौता राशि तय की गई।
बताते चले कि अल्मोड़ा जनपद में 107 मामलों में 1.19 करोड़, बागेश्वर में 92 मामलों में 71.55 लाख, चमोली में 69 मामलों में 1.65 करोड़, चंपावत में 33 मामलों में 40.49 लाख, देहरादून में 2041 मामलों में 17.69 करोड़, हरिद्वार में 2020 मामलों में 3.10 करोड़, नैनीताल में 759 मामलों में 5.62 करोड़, पौड़ी में 698 मामलों में 1.21 करोड़, पिथौरागढ़ में 266 मामलों में 96.23 लाख, रुद्रप्रयाग में 97 मामलों में 43.53 लाख, टिहरी में 418 मामलों में 2.21 करोड़, ऊधमसिंह नगर में 2084 मामलों में 15.38 करोड़ व उत्तरकाशी जनपद में 124 मामलों में 66.29 लाख रुपयों के समझौते किये गये हैं।