चंद्रभागा नदी के ढ़ाल वाले क्षेत्र में वन विभाग की टीम द्वारा अवैध निर्माण को लेकर की गई कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने धरना देकर नारेबाजी की है।
शुक्रवार को ढाल वाले क्षेत्र में चंद्रभागा नदी के किनारे अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किए जाने की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारियों ने अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एक मकान और दुकान के छज्जे को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की गाड़ियों के आगे धरना देकर अपना विरोध जाहिर किया. बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम ने चंद्रभागा नदी के किनारे गजेंद्र सिंह कंडियाल,और सुरेश लेखवार के छज्जे को जेसीबी से तोड़ दिया गया है.
गजेंद्र सिंह कण्डियाल का कहना है कि वह नगर पालिका मुनि की रेती को वर्ष 2018 से भवन कर भी दे रहे हैं. वह लगभग 10 वर्षों से इसी स्थान पर काबिज हैं.
वहीं दूसरी तरफ उसी बात का दोहराव सुरेश लेखवार ने भी किया. बता दे कि सुरेश लेखवार के घर और दुकान का छज्जा गिराया गया है, सुरेश ने बताया कि वह बीते 10 वर्षों से इसी स्थान पर पशु आहार के नाम से दुकान चला रहे हैं. आज अचानक वन विभाग की टीम जेसीबी के साथ आई और बिना नोटिस दिए ही उनके दुकान और मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई करते हुए उनके छज्जे गिरा दिए. जबकि इस क्षेत्र में और किसी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई है.
वहीं वन विभाग के रेंज अधिकारी देवेंद्र पुंडीर ने विभाग को मिली गुप्त सूचना के आधार पर होने की बात कही है. बता दें कि विभाग को सूचना मिली थी कि ढाल वाला क्षेत्र में चंद्रभागा नदी के किनारे अवैध रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है इसी सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है.