देहरादून। हरिद्वार में शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के मामले में एसडीएम सहित 28 लोगों के खिलाफ विजिलेंस के मुकदमा दर्ज किए जाने से जहां पीसीएस अधिकारी संवर्ग में हड़कंप मचा हुआ है वहीं विजिलेंस कार्रवाई को लेकर उनमें भारी आक्रोश है।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामले में सख्त रुख दिखाते हुए कहा है कि गड़बड़ी करने वाला भले ही कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विजिलेंस के इस भ्रष्टाचार के मामले में अधिनियम 1988 के तहत थाना सतर्कता देहरादून शाखा में एसडीएम और 10 रजिस्ट्री अफसरों और लोक सेवकों व चार अधिवक्ताओं सहित 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। 15-16 साल पुराने इस मामले में ज्वालापुर (हरिद्वार) में 21 बीघा जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने का आरोप है, जो वास्तव में शत्रु संपत्ति है। जब यह गड़बड़ी सामने आई तो इसकी जांच का काम विजिलेंस को सौंपा गया था।
इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से इस भूमि को बेच दिया गया था, जो हजारों करोड़ की है। केंद्र सरकार की संपत्ति को अवैध रूप से बेचने के इस मामले में अब 28 लोगों के नाम मुकदमा दर्ज होने पर इसलिए हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इस मामले में तत्कालीन एसडीएम हरवीर सिंह के अलावा कानूनगो और पटवारी सहित 10 लोक सेवकों के नाम शामिल हैं। वही चार सरकारी अधिवक्ता भी इस मामले में आरोपित हैं।
शनिवार को जब इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा गया तो उनका कहना है कि गड़बड़ी करने का कोई भी आरोपित चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो? उसके खिलाफ कार्रवाई ही नहीं की जाएगी बल्कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी तमाम ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई कर यह संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भर्ती घोटाला और रजिस्ट्री फर्जीवाड़े से लेकर अन्य तमाम मामलों में हमने कार्रवाई की है।