हरिद्वार, उत्तराखंड निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण करने की मांग की है.
ज्ञापन में उत्तराखंड गठन से पूर्व के सभी स्वीकृत पदों को बहाल करने, संविदा, आउटसोर्स, मोहल्ला स्वच्छता समिति, लिपिक, लाइनमैन, ड्राइवर, हेल्पर, अनुचर आदि पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने, नगर निगम की भूमि एवं आवासों में वर्षों से रह रहे कर्मचारियों एवं पूर्व कर्मचारियों को मालिकाना अधिकार देने, बंद हो चुकी कर्मचारियों को बीमा योजना को पुनः शुरू करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, समूह घ कें पदों को मृत कैडर से बाहर करने, पर्यावरण पर्यवेक्षकों के 50 फीसदी पदों पर पर्यावरण मित्रों की पदोन्नति, प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत आउट सोर्स व संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को भी 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया देने, मृतक आश्रितों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार नियुक्ति देने, ठेका प्रथा को समाप्त कर सीधी भर्ती करने और हेल्थ मैन्युअल व आबादी के अनुसार कर्मचारियों की तैनाती करने, सरकार द्वारा गठित डा.ललित मोहन रयाल कमेटी की सिफारिश को लागू करने आदि मांगे शामिल हैं.
इस दौरान उत्तराखंड निकाय कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक सुरेंद तेश्वर व संयोजक राजेंद्र श्रमिक ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा यदि समय रहते कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
ज्ञापन प्रस्तुत करने वालों में संयोजक मुरली मनोहर, मुकुल जोशी, राजेंद्र श्रमिक, प्रवीण तेश्वर, अमन गर्ग, आत्माराम बेनीवाल आदि कर्मचारी शामिल रहे.
हिन्दुस्थान समाचार