नैनीताल, राज्य आदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण व चिन्हीकरण के विषय पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने बुधवार को जनपद के अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है और सरकार को राज्य आंदोलनकारियों के संबंध में सरकार के किये गये वादे याद दिलवाते हुए राज्यव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रवर समिति की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिये जाने का एक माह बीत जाने के बाद भी संबंधित विधेयक अभी लंबित हैं. जबकि स्वयं संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में वचन दिया था कि सरकार 15 दिनों के भीतर विशेष सत्र आहूत करके राजा आंदोलनकारियों के आरक्षण का विधेयक पारित करेगी.
यह भी याद दिलाया कि दूसरी ओर राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण की प्रकिया भी ठंडे बस्ते में है और राज्य आंदोलनकारी बुजुर्ग अपने चिन्हीकरण की बाट जोह रहे हैं. लिहाजा उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने वचनानुसार शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करके राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक को सदन की मंजूरी और राज्यपाल की संस्तुति दिलवाकर इस विधेयक को तत्काल कानूनी जामा पहनाये और साथ ही चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों का भी निस्तारण करें. सभी राज्य आंदोलनकारियों को समान रूप से प्रतिमाह 15,000 रुपये सम्मान पेंशन राशि दी जाए.
ज्ञापन में आंदोलनकारी संयुक्त मंच के गणेश बिष्ट, लक्ष्मी नारायण लोहनी, पान सिंह सिजवाली, दीवान कनवाल, हरेंद्र सिंह, चंदन कनवाल, लीला बोरा, पावर्ती मेहरा, मुनीर आलम, वीरेंद्र जोशी, महेश जोशी आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल रहे.
हिन्दुस्थान समाचार