गोपेश्वर, चमोली जिले के नीती माणा घाटी के भोटिया जनजाति समुदाय के लोगों ने गुरुवार को चमोली जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है. ज्ञापन में भोटिया जनजाति के शीतकालीन प्रवास के पड़ाव तथा राजकीय भूमि पर बने उनके भवन और भूमि का मालिकाना हक दिये जाने की घोषणा को धरातल पर उतारे जाने की मांग की है.
नीती घाटी के कागा के प्रधान पुष्कर सिंह राणा, धीरेंद्र गडोरिया, पीताम्बरी देवी का कहना है कि 18 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री की ओर से चमोली जिले के बदरीनाथ विधानसभा में आगमन के दौरान घोषणा की गई थी कि भोटिया जनजाति के शीतकालीन प्रवास के पड़ाव तथा राजकीय भूमि पर बने उनके भवनों और भूमि पर उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा. जिस पर जिलाधिकारी की ओर से सभी तहसीलदारों को आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गये थे.
इससे जुड़ा सर्वे भी किया गया, लेकिन अभी तक उन्हें मालिकाना हक दिए जाने की कार्रवाई नहीं हो पायी है. जबकि इस बार फिर से भोटिया जनजाति के लोग अपने शीतकालीन प्रवास वाले स्थानों पर पहुंच गये है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव भी है यदि इससे पूर्व उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो घाटी में निवास करने वाले जनजाति समुदाय के लोगों को चुनाव बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ेगा. लिहाजा सरकार से उनकी मांग है कि समय रहते हुए भूमि पर मालिकाना हक दिये जाने की मांग पर कार्रवाई की जाए.