हरिद्वार, अष्टांग योगालय फाउंडेशन और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन का शुभारंभ योग स्पोर्ट्स फाउंडेशन के सहयोग से गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज के सभागार में प्रारंभ हुआ.
मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष डॉ. ईश्वर भारद्वाज ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम प्रारंभ किया. अष्टांग योगालय फाउंडेशन के संस्थापक एवं कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष अर्पण शर्मा ने बताया कि योग का यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विद्यार्थियों को शोध क्षेत्र में आगे बढ़ाने में बहुत सहयोग करेगा. भविष्य में हरिद्वार में अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा जो विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को शोध में आगे बढ़ाएगा.
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन विद्यार्थियों और एवं शोधार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है. भविष्य में अनुसंधान केंद्र बनने के लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज अपना हर संभव सहयोग करेगा.
सम्मेलन के दूसरे सत्र में शोध विद्यार्थियों ने योग और स्वास्थ्य के ऊपर अपने शोध एवं शोध पत्रों को प्रस्तुत किया. इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के वैकल्पिक चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ अमृत लाल गुरवेंद्र एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ निधीश कुमार यादव ने अध्यक्षता की. शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को शोध के महत्वपूर्ण और मुख्य मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट किया गया. ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कुल 400 से अधिक विद्यार्थियों ने देश एवं विदेश से प्रतिभाग किया। 137 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र देव संस्कृति विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की शोधार्थी चित्रा कश्यप ने प्रस्तुत किया.
इस मौके पर उत्तराखंड आयुर्वेद कॉलेज के प्रधानाचार्य निदेशक डॉ विपिन कुमार पांडे एवं स्वस्थ व्रत योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अवधेश मिश्रा, जगदीश लाल पाहवा, डॉ सौरभ, ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज से डॉ. वेद भूषण शर्मा, स्वाति भारद्वाज, संतोष शर्मा, ऋषिकांत, शिवम मिश्रा, विश्वास त्यागी, अमन दुबे, रमन शर्मा, नूतन गौड़ आदि मौजूद रहे.
हिन्दुस्थान समाचार