जोशीमठ, श्री राम जन्मभूमि अयोध्या से अक्षत कलश का रविवार को आद्य गुरु शंकराचार्य की तपस्थली ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) पहुंचने पर पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत हुआ. स्थानीय महिलाएं परंपरागत परिधान में अपने घरों से जल कलश लेकर अक्षत कलश के स्वागत के लिए पहुंची. मारवाड़ी चौक पर अक्षत कलश का गाजे बाजे के साथ स्वागत हुआ. यहां से अक्षत कलश शोभा यात्रा शुरू हुई और पूरे नगर में जय श्रीराम के गगनभेदी उद्घोष के साथ श्री नरसिंह मंदिर प्रांगण पहुंची.
अक्षत कलश शोभायात्रा में सांस्कृतिक परिषद रविग्राम की मनमोहक झांकी, जिसमें श्रीराम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान के पात्र सजधज कर रथ पर चल रहे थे.
अक्षत कलश का सिद्धपीठ नवदुर्गा मंदिर, वासुदेव मंदिर व श्री नरसिंह मंदिर में पूजन हुआ. इसके उपरांत सभा स्थल पर श्री बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल ने विधि विधान से अक्षत कलशों का पूजन किया.
नरसिंह मंदिर प्रांगण “मठागण” में धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख शम्भू प्रसाद चमोला ने अक्षत कलश के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर में पूजित यह अक्षत हर घर तक पहुंचेंगे. यह अपने पूजा स्थान पर रखकर पूजित तो हैं ही अपितु यह प्रभु श्रीराम के दर्शनों का न्यौता “आमंत्रण” भी है.
उन्होंने कहा कि आगामी 22 जनवरी को भगवान श्रीराम गर्भगृह में विराजित होंगे. उस दिन प्रत्येक घर में कम से कम पांच दीपक अवश्य जलने चाहिए.
हिन्दुस्थान समाचार