नैनीताल, भाजपा के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व 2009 से 2012 तक नैनीताल जनपद के जिलाध्यक्ष तथा आपातकाल के दौरान जेल में रहे ‘लोकतंत्र सेनानी’ भुवन चंद्र हरबोला का सोमवार सुबह असामयिक निधन हो गया.
बताया गया है कि 82 वर्षीय हरबोला सुबह अचेत अवस्था में मिले, इस पर परिजनों ने उनकी जांच के लिये चिकित्सक को बुलाया, लेकिन चिकित्सक का कहना था कि करीब 4 घंटे पहले यानी सुबह 4 बजे के करीब उनका हृदयाघात से देहावसान हो गया. उनके पुत्र मानवेंद्र हरबोला ने बताया कि अपराह्न डेढ़ बजे उनकी अंतिम यात्रा चित्रशिला घाट रानीबाग के लिये रवाना होगी. उनके देहावसान पर क्षेत्रीय सासंद एवं केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने अपनी शोक संवेदना तथा शीघ्र उनके आवास पर आकर उन्हें श्रद्धांजलि तथा परिवार को सांत्वना देने की बात कही है.
स्वर्गीय हरबोला आपातकाल के दौरान आरएसएस के स्वयं सेवक थे और सरकार के विरोध व लोकतंत्र के समर्थन में काफी सक्रिय रहे थे. हरबोला को 16 नवंबर 1975 को किराये के घर में सोते हुए हल्की पूछताछ के नाम पर मल्लीताल कोतवाली के गब्बर सिंह कहे जाने वाले तत्कालीन थाना प्रभारी ने गिरफ्तार किया था.
उन्हें एक रात मल्लीताल और एक रात तल्लीताल थाने में रखा गया और 18 नवंबर को हल्द्वानी जेल भेजा गया. संघ के बड़े अधिकारियों ने उन्हें जल्दी जमानत ले लेने की सलाह दी, ताकि वे संघ की शाखाएं लगाने जैसी अपनी गतिविधियों को जारी रख सकें. इसलिए वह करीब एक सप्ताह जेल में रहकर जमानत पर बाहर आ गये. लेकिन न्यायालय में मुकदमा 21 मार्च 1977 को जनता पार्टी की सरकार आने तक चलता रहा.
हिन्दुस्थान समाचार