नैनीताल, सर्वधर्म की नगरी सरोवर नगरी में इसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस धार्मिक हर्षोल्लास से मनाया गया. इस मौके पर नगर के मॉल रोड पर मल्लीताल स्थित एशिया के सबसे पुराने अमेरिकी मिशनरियों द्वारा 1850 में निर्मित मैथोडिस्ट चर्च के साथ तल्लीताल स्थित कैथोलिक लेक चर्च एवं राजभवन के गेट पर स्थित सेंट फ्रांसिस चर्च व सूखाताल स्थित सेंट जॉन चर्च इन द विल्डरनेस आदि चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गयीं. इससे पहले रंग-बिरंगी बिजली की लड़ियों एवं क्रिसमस ट्री व चरनी आदि के साथ सजे चर्चों में बीती रात्रि से ही प्रभू यीशू के जन्म को नाटक के माध्यम से दिखाया गया तथा फादर के द्वारा ईश्वर द्वारा अपने सबसे प्यारे पुत्र को लोगों की भलाई के लिये कुर्बान कर दिया.
इस अवसर पर नगर के विभिन्न विद्यालयों में भी रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुये. खासकर सेंट जॉन्स स्कूल में इस अवसर पर बच्चे और शिक्षिकाएं सेंटा क्लॉज के रूप में नजर आये. उन्होंने कैरल गीत गाकर और नृत्य कर इस मौके का खूब आनंद लिया. विद्यालय की ओर से सभी बच्चों को उपहार दिए गए और क्रिसमस का केक भी काटा गया. बच्चों को विद्यालय में दिन का भोजन भी कराया गया.
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक राहुल थॉमस, प्रधानाचार्या विनीता रावत, पूनम बिष्ट, लता फर्त्याल, मोनिका वर्मा, आशा जोशी, रुचि साह, ज्योति त्रिपाठी, भानु प्रताप, अनीता बोरा, विक्रम रावत, सरिता लोहनी, दिव्या सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाऐं और कर्मचारी उपस्थित रहे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार