हरिद्वार, अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति व रुड़की की साहित्यिक संस्था नव सृजन के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी के साहित्यिक अवदान पर प्रज्ञान विश्वम का लोकार्पण किया गया.
प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव (नोएडा) , अन्नदा पाटनी (अमेरिका), डॉ. भावना कुंवर (ऑस्ट्रेलिया), प्राची चतुर्वेदी रंधावा (कनाडा), संगीता चौबे पंखुड़ी (कुवैत) और शिप्रा शिल्पी (जर्मनी) के संयुक्त संपादन में प्रकाशित प्रज्ञान विश्वम विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्याम सिंह नागयान, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के प्रतिकुलपति डॉ. श्रीगोपाल नारसन, नवसृजन अध्यक्ष डॉ. शालिनी जोशी पंत ,श्रीमती मधु मिश्रा (नोएडा), संयुक्त शिक्षा निदेशक (उत्तराखंड)डॉ. आनंद भारद्वाज , शिक्षविद सुबोध पुंडीर ”सरित” एवं वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी रहे.
कार्यक्रम में स्थानीय कवियों के अतिरिक्त डॉ. विजेंद्र पाल शर्मा व विनोद भृंग (सहारनपुर), राजेश प्रभाकर (गुरुग्राम), राजेंद्र विश्वकर्मा (इंदौर) तथा सुभाष सैनी व श्रीमती सुमन सैनी देहरादून ने कविता पाठ किया. पंडित सुरेश नीरव ने कहा कि साहित्य की दुनिया में तमाम ऐसे रचनाकार होते हैं जो कविताएं लिखते हैं. मगर ऐसे लोग बिरले ही होते हैं जिन्हें स्वयं कविता लिखती है, जो कविता में होते हैं और कविता उनमें होती है. सुरेंद्र कुमार सैनी सृजन के एक ऐसे ही अप्रतिम हस्ताक्षर हैं, जिन्हें पढ़ना और सुनना अनुभूतियों का एक उत्सव होता है.
साभार : हिन्दुस्थान समाचार