ऋषिकेश: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से लाए गए पूजित अक्षत कलशों का ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर विधि विधान से पूजन कर नगर क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में कलश स्थापना की गई.
बुधवार की सुबह त्रिवेणी घाट पर आयोजित कलश पूजन कार्यक्रम के दौरान स्वामी ह्यग्रिवाआचार्य और स्वामी परमानंद ने उपस्थित को संबोधित करते हुए कहा कि आज अयोध्या में बनाया जा रहा मंदिर हिंदू समाज की एकता का प्रतीक है. अगर हिन्दू समाज एकत्रित ना होता तो मंदिर का निर्माण होना संभव नहीं था. इसके निर्माण को रोकने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों ने निहत्थों कारसेवकों, साधु-संतों और हिन्दू समाज पर बर्बरता से गोलियां चलाकर उनकी हत्या की थी, जिससे सरयू का जल पूरी तरह रक्तरंजित हो गया था। आाखिरकार 500 वर्षों का कलंक समाप्त होने के बाद अब मंदिर का निर्माण पूर्ण होने जा रहा है. इन कलशों का सभी भक्तों को दर्शन करने चाहिए.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से पूजित अक्षत कलशों का क्षेत्र के ब्राह्मणों ने विधि विधान से हनुमान चालीसा के साथ पूजन किया. नगर क्षेत्र के भिन्न-भिन्न मंदिरों में इनकी स्थापना की गई. नगर कार्यक्रम प्रमुख दीपक तायल के अनुसार नगर के अलग-अलग क्षेत्र में पूजित मंदिरों में स्थापित अक्षत कलशों के माध्यम से श्रीराम भक्त घर-घर पूजित अक्षत का वितरण 1 जनवरी से 15 जनवरी तक करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्य सभी दल संगठन से ऊपर उठकर समस्त हिन्दू समाज द्वारा किया जाएगा. 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाएगा. कलशों की स्थापना करने से पूर्व सभी क्षेत्रों से आई राम भक्तों की टोलियां ने बैंड बाजा के साथ नगर भ्रमण भी किया.
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अनिल मित्तल,जिला प्रचारक नीतिन कुमार, कार्यक्रम प्रमुख दीपक तायल, शहर जिला कार्यवाह राकेश शर्मा, नगर संघचालक भारत भूषण कुंदनानी, स्वामी ह्यग्रिवाआचार्य, मधुबन आश्रम के प्रमुख अध्यक्ष स्वामी परमानंद, नीरज सेहरावत, रामहिपाल त्यागी, सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार