हरिद्वार: महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन राष्ट्रहित और परोपकार के लिए समर्पित होता है. संतों के तपोबल से विश्व भर में भारत की विशेष पहचान है.
भूपतवाला स्थित विशुद्ध आश्रम के वार्षिकोत्सव पर आयोजित संत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने में मातृशक्ति का अहम योगदान है. साध्वी महंत रत्नो देवी वयोवृद्ध अवस्था में भी भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता निभा रही है. संत समाज उनकी दीर्घायु की कामना करता है.
युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है. संत महापुरुष अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं. साध्वी महंत रत्नो देवी मातृशक्ति के रूप में समाज का मार्गदर्शन कर रही है. जो समस्त संतों के लिए गौरव की बात है. कार्यक्रम में पधारे सभी संतों का आभार व्यक्त करते हुए विशुद्ध आश्रम की अध्यक्ष साध्वी महंत रत्नो देवी ने कहा कि गौ सेवा, गंगा संरक्षण का संकल्प एवं समाज सेवा उनके जीवन का मूल उद्देश्य है. हम सभी को राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में अपने सहयोग को सुनिश्चित करना चाहिए.
इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, महंत दुर्गादास, महंत प्रहलाद दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत शिवानंद, स्वामी पूर्णानंद गिरी, महंत कृष्णदेव सहित हरपाल सुरेंद्र ओहरी सुभाष चंद्र राकेश खंडाली सुरेंद्र शैली उपस्थित रहे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार