उत्तरकाशी: उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा को अब सरकार के बजाय ज्योतिष पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज शुरू कर दिया है. बुधवार को देर सायं मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशाली में पहुंचे स्वामी ने चार धामों की शीतकालीन पूजा स्थलों की तीर्थ यात्रा खरशाली से प्रारंभ कर दी है. यहां पर डा. कपिल देव रावत की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने उनका नागरिक अभिनंदन एवं स्वागत किया.
इसके बाद महाराज ने यमुना जी के शीतकालीन पूजा स्थल खरसाली की ओर प्रस्थान किया. देर सायं वे ने मां यमुना के शीतकालीन पूजा में शामिल हुए और मां यमुना पूजा अर्चना करने के बाद यमुना आरती कर वैदिक मंत्रों उच्चारण के साथ यमुनोत्री कर यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास खरशाली से शीतकालीन चारधाम यात्रा का आगाज कर दिया.
गौरतलब है कि चार धामों की शीतकालीन पड़ाव शीतकालीन गद्दी स्थल चमोली जनपद में पांडुकेश्वर रुद्रप्रयाग जनपद में उखीमठ, उत्तरकाशी जनपद में खरसाली और मुखवा में हैं. इधर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल व सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि शीतकालीन यात्रा आरंभ करने से उत्तराखंड के शीतकालीन पूजा स्थलों से भी देश-विदेश के लोग अवगत होंगे. यहां के स्थानीय लोगों को होटल , गाड़ी वालों को भी इस शीतकालीन यात्रा के दौरान रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
गुरुवार को ज्योतिष पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज खरशाली से उत्तरकाशी के लिए रवाना होंगे और रात्रि विश्राम संस्कृत महाविद्यालय उत्तरकाशी में करेंगे. संस्कृत महाविद्यालय उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद उनियाल ने बताया कि महाविद्यालय के ऋषिकुमारों द्वारा शंकराचार्य जी के आगमन पर उनका वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ नागरिक अभिनंदन किया जाएगा.
खरशाली में पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोतम उनियाल, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल , बृजेश सती,ब्रह्मचारी चारधाम महा पंचायत के अध्यक्ष , महावीर पंवार, सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार