देहरादून: श्री बद्रीनाथ धाम के प्रवेश द्वार जोशीमठ पर इस वर्ष की शुरूआत में ऐसा संकट आया कि इस पौराणिक शहर के अस्तित्व मिटने तक की बात होने लगी थी. ऐसे में चार धाम यात्रा खास तौर पर श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा के प्रभावित होने की आशंकाएं थीं, लेकिन हर बार की तरह आस्था विजयी हुई और आशंका पराजित. चार धाम यात्रा में इस बार यात्रियों की संख्या का नया रिकार्ड बन गया. श्री हेमकुंड साहिब को भी शामिल कर लें, तो इस बार की संपूर्ण यात्रा में पहली बार यात्रियों की संख्या ने 50 लाख का आंकड़ा छू लिया.
वर्ष 2023 की शुरूआत जोशीमठ पर आए असाधारण संकट के साथ हुई. ऐसा संकट जिसने देहरादून से लेकर दिल्ली तक में हलचल मचा दी. भूस्खलन का ऐसा दौर चला, कि लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगीं. जमीन के भीतर पानी के तेजी से हलचल मचाने के संकेत ने लोगों की रातों की नींद के साथ दिन का चैन भी छीन लिया. आनन-फानन में राज्य और केंद्र की तमाम एजेंसियां सक्रिय हुईं और राहत-पुनर्वास के इंतजाम किए गए. काफी संख्या में लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविर में रहने को मजबूर होना पड़ा. देश की तमाम विशेषज्ञ संस्थाओं ने जोशीमठ पर अध्ययन शुरू किया. प्रशासन को ऐसे कुछ भवनों को भी गिराना पड़ा, जो कि एक तरफ झुक गए थे और जिनसे जान-माल के नुकसान की बड़ी आशंका थी.
जोशीमठ का संकट जैसे-तैसे थमा, तो चिंता इस बात की सताने लगी थी कि इस बार की चार धाम यात्रा का भविष्य क्या होगा? खास तौर पर श्री बद्रीनाथ धाम में यात्री जोशीमठ संकट को देखते हुए आएंगे भी कि नहीं, लेकिन सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं और चार धाम यात्रा जमकर चमकी. न सिर्फ बद्रीनाथ धाम, बल्कि श्री हेमकुंड साहिब, जहां की यात्रा जोशीमठ से होकर ही संचालित होती है, वहां भी खूब तीर्थयात्री पहुंचे.
पिछली बार कुल 46 लाख यात्रियों ने हेमकुंड साहिब सहित चार धामों में पहुंचकर मत्था टेका था. इस बार यह संख्या 50 लाख तक पहुंच गई अकेले श्री बद्रीनाथ धाम में 16 लाख यात्रियों का आना हुआ, जबकि श्री हेमकुंड साहिब में पौने दो लाख यात्री पहुंचे. श्री केदारनाथ धाम में कुल 17 लाख यात्रियों की आमद दर्ज की गई.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार