हरिद्वार: युवा ही भारत की प्रगति एवं उन्नति के कर्णधार बन सकते हैं. विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का सामना करने के लिये युवाओं में कौशल विकास, कृषि क्षेत्र तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से विकसित भारत की संकल्पना पूरी की जा सकती है.
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में युवाओं का विकसित भारत की दिशा में योगदान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दयानंद स्टेडियम परिसर में किया गया. कार्यशाला के शुभारम्भ पर कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने युवाओं को सतत विकास के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं गौरवशाली परम्पराओं द्वारा भारत को विकसित बनाने का मंत्र दिया. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि युवाओं की श्रम शक्ति ही भारत की प्रगति में सहायक है.
संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि सृजन तथा विध्वंसकारी दोनों प्रकार की शक्ति का केन्द्र युवा है. सही दिशा तथा नेतृत्व क्षमता की कुशलता के बल पर ही भारत विश्व गुरु के पद पर आसीन हो सकेगा. कार्यशाला के संयोजक डॉ. शिवकुमार चौहान ने प्रतिभागियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन युवाओं को विश्व पटल पर प्रतिस्थापित कर सम्पूर्ण विश्व की प्रगति में भारत को केन्द्र के रूप में स्थापित करना है. इसके लिए कृषि, तकनीक, शिक्षा, प्रबंधन, खेल, योग जैसी प्राचीन तथा आधुनिक विद्याओं में देश के युवाओं को सक्षम तथा सामर्थ्यवान बनाना है.
प्रभारी, शारीरिक शिक्षा डॉ. अजय मलिक ने युवाओं को चुनौतियों के साथ आगे बझने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर डॉ. कपिल मिश्रा, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र सिंह, मुनेश, राजेन्द्र सिंह, कुलदीप के साथ शारीरिक शिक्षा के सभी पाठयक्रमों के छात्र, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे. कार्यशाला का संचालन डॉ. शिवकुमार चौहान ने किया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार