उत्तरकाशी: पुरोला क्षेत्र से भाजपा के तेजतर्रार युवा विधायक हमेशा चर्चाओं में रहते हैं. इस बार तो खुद अपनी सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ देहरादून धरने पर बैठ गये. इससे उत्तराखंड भाजपा सरकार में खलबली मच गई. मामला मंगलवार का जब पुरोला में गोविन्द वन्य जीव के उपदेश के खिलाफ वहां होटल व्यवसाय एवं अन्य ग्रामीण हटाने की मांग कर रहे हैं.
बताया गया है कि पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल गोविन्द वन्य जीव के उप निदेशक डाक्टर अभिलाष का स्थानांतरण कराने के लिए प्रत्यावेदन लेकर मंत्री सुबोध उनियाल के यहां पहुंचे जिस पर मंत्री ने एक हफ्ते में जांच कर कार्रवाई की बात कही तो इस पर दुर्गेश्वर लाल आग बबूला हो गए और मंत्री सुबोध उनियाल के हाथ से कागज लेकर फाड़ दिया. उस वक्त वहां मीडिया कर्मी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.
दुर्गेश्वर लाल सहित ब्लॉक प्रमुख, मंडल अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ ही मंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे दुर्गेश्वर लाल ने वन मंत्री पर खुद और जनता का उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
विधायक का कहना है कि गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र में तैनात डीएफओ को सीधे तौर पर मंत्री की शह है, क्योंकि उन्होंने जब भी मंत्री को डीएफओ की मनमानी से अवगत कराया तो उन्होंने अनसुनी कर दी. उन्होंने कहा कि डीएफओ विकास कार्यों को भी रोक रहे हैं और इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है.
क्या कहते हैं वन मंत्री?
मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि उन्होंने विधायक की शिकायत का संज्ञान लिया और अधिकारियों से वार्ता कर विधायक को अश्वासन दिया, लेकिन विधायक का व्यवहार ठीक नही है. उन्होंने जांच कर 7 दिन में कार्यवाही का अश्वासन भी दिया, लेकिन विधायक ने आदेश फाड़ दिये. सीएम को भी उन्होंने इसकी शिकायत की है.
सीएम धामी ने पुरोला विधायक को दिया आश्वासन-
विधायक के समर्थक और क्षेत्र के प्रतिनिधि धरने पर बैठे हैं। विधायक ने जानकारी दी कि उन्हें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वार्ता के लिए बुलाया है और देर रात्रि वह सीएम हाउस पहुंचे. विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि हमारे लिए जनता सर्वोपरि है. जनता के हित में जो होगा, वही होगा. उन्होंने कहा है कि सीएम ने स्पष्ट कहा कि किसी प्रकार हिटलर शाही नहीं चलने दी जाएगी, लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है.
रवांई एकता जन मंच ने सीएम को भेजा ज्ञापन
पुरोला में रवांई एकता मंच के अध्यक्ष चन्द्रमणि रावत के नेतृत्व में चैनसिंह, परी राणा, बलबीर, आदि ने उपजिलाधिकारी पुरोला के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया. ज्ञापन में कहा गया कि यदि गोविन्द वन्य जीव के उप निदेशक डाक्टर अभिलाष को तत्काल नहीं हटाया तो पांच जनवरी से अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन करेंगे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार