ऋषिकेश: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से बाहर आए श्रमिक पुष्कर सिंह को नया जीवन मिला है. पुष्कर के दिल में छेद था और यहां एम्स में उसकी ओपन हार्ट सर्जरी की गई थी. जिससे वह अब स्वस्थ है और शुक्रवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.
दरअसल, पिछले वर्ष नवम्बर माह में उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों में चम्पावत जिले का पुष्कर सिंह भी शामिल था. जब सभी श्रमिकों को रेस्क्यू कर एम्स ऋषिकेश पंहुचाया गया तो अन्य श्रमिकों की भांति ही पुष्कर के स्वास्थ्य की भी चिकित्सकों द्वारा सघन जांच की गयी. जांच में पुष्कर के दिल में छेद होने का पता चला. यह समस्या जन्मजात रोग के रूप में थी लेकिन पुष्कर इससे अनजान था. इसके बाद एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ओपन हार्ट सर्जरी करने का निर्णय लिया. एक सप्ताह पूर्व उसकी सर्जरी कर दी गयी, पुष्कर अब स्वस्थ है और शुक्रवार को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.
सर्जरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए एम्स के हार्ट एवं लंग्स सर्जरी (सी.टी.वी.एस.) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ अंशुमान दरबारी ने बताया कि यदि पुष्कर एम्स नहीं पंहुचता तो शायद उसे समय रहते पता नहीं चल पाता कि उसके दिल में छेद है. वह रोजगार के लिए गया तो उत्तरकाशी था लेकिन टनल में फंस जाने के कारण किस्मत उसे अन्य श्रमिकों के साथ एम्स ले आयी. उन्होंने बताया कि जब 1 दिसम्बर को सभी श्रमिकों को एम्स से डिस्चार्ज किया जा रहा था तो उस समय पुष्कर शारीरिक और मानसिक तौर से सर्जरी करवाने के लिए सक्षम नहीं था. इसलिए सर्जरी के लिए उसे दोबारा एम्स बुलाया गया, यह सर्जरी पिछले सप्ताह 28 दिसम्बर को की गयी है.
मुख्यमंत्री भी ले रहे थे अपडेट
पुष्कर सिंह के इलाज के मामले में एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने भी व्यक्तिगत रूप से रूचि ली और चिकित्सकों का मार्गदर्शन किया. सर्जरी के उपरान्त प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार सम्बन्धित श्रमिक के स्वास्थ्य की अपडेट ले रहे थे. उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण इलाज राज्य सरकार की अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क हुआ है. उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश राज्य में अकेला ऐसा सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां आयुष्मान योजना के तहत हार्ट एंव लंग्स सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है.
भविष्य में होती परेशानी
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार उम्र कम होने के कारण पुष्कर को भले ही अभी कोई बड़ी परेशानी ना आती, लेकिन उम्र बढ़ने पर भविष्य में उसे शारीरिक गतिविधियों के बाद सांस लेने में तकलीफ होना, कुछ भी काम करते वक्त अत्यधिक थकान का महसूस होना और अनियमित स्तर पर तेजी से दिल धड़कने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था. अब समय रहते सर्जरी हो जाने से उसे यह समस्या नहीं होगी.
1000 से अधिक लोगों की हो चुकी सर्जरी
एम्स का सीटीवीएस विभाग वर्ष 2017 में अस्तित्व में आया था, तब से वर्तमान तक इस विभाग के सर्जन चिकित्सकों द्वारा छोटे-बड़े सभी प्रकार के उम्र के 1 हजार से अधिक लोगों के दिल और फेफड़े के कई मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है.
डाक्टर दरबारी ने इस बावत बताया कि अच्छी जांचों से सभी उम्र के लोगों में हृदय रोगों के जल्दी पता लग जाने और गर्भावस्था के दौरान बच्चों के दिल का विकास ढंग से न होने के कारण दिल में छेद होने के मामले लगातार मालूम हो रहे हैं. यहां उनका समय रहते इलाज की सुविधा उपलब्ध है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार