देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश को आयुष और वेलनेस के क्षेत्र में प्रमुख डेस्टिनेशन बनाने की प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य करने के निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकर्मा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं. राज्य में जड़ी बूटियों के उत्पादन को और बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए आयुष विभाग उद्यान और वन निगम से समन्वय कर संग्रह और विपणन की उचित व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों तक आयुष चिकित्सा की उपलब्धता पर ध्यान दिए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि आयुष के क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ गुणवत्ता युक्त आयुष चिकित्सालयों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जाए. आयुष के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जड़ी बूटी कृषकों के उत्पादों के विपणन के लिए उचित प्लेटफार्म की व्यवस्था बनाई जाए. स्कूली छात्रों को आयुष संबंधी जानकारी दी जाए.
मुख्यमंत्री ने आयुष के क्षेत्र में बेहतर कार्य संचालन के लिए वेलनेस केन्द्रों की स्थापना, आयुष सेवाओं के प्रमाणीकरण और आयुष चिकित्सकों एवं फार्मासिस्टों को प्रसिद्ध आयुष विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा.
बैठक में बताया गया कि राज्य में आयुष नीति लागू की गई है. इसमें वेलनेस, स्वास्थ्य, आयुष उत्पादन, आयुष शिक्षा और शोध एवं औषधीय पादपों की खेती से संबंधित प्रावधान किये गये हैं. नीति में उच्च गुणवत्ता युक्त आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को प्रोत्साहित किये जाने, गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज (जीएपी) के अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन किये जाने की अनिवार्यता, ड्रोन आधारित नवीनतम तकनीकी का प्रयोग, पीपीपी मोड पर कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, औषधीय पादपों के विक्रेताओं (कृषकों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं) और क्रेताओं (औषध-निर्माताओं) को एक मंच पर लाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की स्थापना, औषधीय पादपों के लिए ‘एश्योर्ड बाय-बैक’ योजना, राज्य में अग्रणी निर्माताओं एवं प्रतिष्ठित विपणन एजेंसी के सहयोग से उत्तराखंड में उगाए जाने वाले प्रमुख औषधीय पादपों की ब्रांडिंग के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश शामिल किये गये हैं.
उठाए जरूरी कदम
आयुष नीति में नवीनतम एमएसएमई नीति तथा मेगा औद्योगिक व निवेश नीति आयुष विनिर्माण इकाइयों पर भी लागू की गई है. सभी आयुष विनिर्माण इकाइयों के लिए 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त पूंजीगत सहायता, आयुष उत्पादों की गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए राज्य के 2-3 महत्वपूर्ण स्थानों पर सामान्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहन, आयुष उत्पादों के लिए आयुष प्रीमियम मार्क/आयुष स्टैंडर्ड मार्क प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है. इस नीति में आगामी 5 वर्षों में एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने वाले प्रत्येक आयुष चिकित्सालय/आयुष हेल्थकेयर क्लिनिक को एनएबीएच से प्रत्यायन प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क की प्रतिपूर्ति, आयुष टेलीकंसल्टेशन ऐप प्रारंभ किए जाने की योजना शामिल की गई है.
आयुष के क्षेत्र में राज्य पर्यटन नीति, 2023 के माध्यम से वेलनेस रिसोर्ट, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 50 प्रतिशत तक की पूंजीगत सहायता तथा श्रेणी बी और श्रेणी सी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले वेलनेस केंद्र, आयुर्वेद / योग/ नेचुरोपैथी रिसोर्ट को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. आयुष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आयुष कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से निर्धारित मानकों को पूर्ण करने वाले आयुष कॉलेजों को 15 लाख तक की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार