देश के बड़े मुकदमों में से एक बिलकिस बानों अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत की तरफ से कई बड़ी बातें साफ की जा रही हैं. बता दें कि इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नागरत्ना ने कहा है कि किसी भी आरोपी को सजा इसलिए दी जाती है कि भविष्य न वैसा करने के बारे में सोचे भी नहीं साथ ही खद को सुधार भी सके. इस बीच पीडिता के दर्द और उसकी तकलीफ को समझना भी उतना ही जरूरी होता है जितना कि सजा देना.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आगे कहा कि कई जनहित याचिकाओं को देखते हुए और पीडिता की याचिका को परखने के बाद हमने इस मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया है.साथ ही पूर्व में लिए गए फैसले को रद्द करते हुए 11 दोषियों की रिहाई को भी निरस्त कर दिया है. साथ ही इस केस में पहले हुई सुनवाईयों पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए माफी के अधिकार को लेकर भी कई सवाल किये हैं.