उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी रामलीला मैदान में आयोजित महिला शक्ति एवं नारी सम्मान को समर्पित दीदी-भुली महोत्सव कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनसभा में कहा कि डबल इंजन की सरकार के कार्य उत्तराखंड में विकास के रूप में स्पष्ट नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र का विकास करना है. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर की महिला उद्यमियों ने पारंपरिक उत्पादों पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी और स्टॉल लगाकर ये बता दिया है कि प्रदेश के विकास में महिलाओं का योगदान किसी से भी कम नहीं है.
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी रामलीला मैदान में नए कैलेंडर वर्ष 2024 और माघ मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मातृशक्ति के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है, उत्तराखंड राज्य निर्माण में मातृशक्ति का योगदान अमूल्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश महिला विकास से आगे बढ़कर महिला नेतृत्व की बात कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मातृशक्ति के सम्मान में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं.
इससे पूर्व जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने मुख्य मुख्यमंत्री को रवांई की हजारों पर पुरानी धरोहर कास्ट कला से निर्मित चौकट की तस्वीर स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की.
मुख्यमंत्री ने किया “कॉफी टेबल बुक” का लोकार्पण
सिलक्यारा टनल के सफल रेस्क्यू की यादगार स्मृति में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी व उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन की प्रकाशित “कॉफी टेबल बुक” पुस्तक का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकार्पण किया. कॉफी टेबल बुक माह नवम्बर 2023 में यमुना घाटी एवं गंगा घाटी को जोड़ने वाली सिलक्यारा पॉल गांव टनल आपदा में फंसे विभिन्न प्रान्तों के 41 श्रमिकों के सुरक्षित रेस्क्यू एवं अनुभवों से सम्बन्धित है.
मुख्यमंत्री ने लाल धान की कुटाई कर बचपन की यादों को किया ताजा-
मुख्यमंत्री धामी ने दीदी-भुली महोत्सव में शिरकत कर डुंडा और बगोरी क्षेत्र के पारंपरिक ऊन की कताई करने वाले चरखा को चलाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब ऊन की कताई कर पारंपरिक ऊनी वस्त्रों को बढ़ावा देने का संदेश दिया. साथ ही डुंडा और बगोरी से पहुंची महिलाओं को चरखा चलाने और ऊन कताई की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने गिंज्याली थामकर उलख्यारे में की लाल धान की कुटाई कर अपनी बचपन की यादों को भी ताजा किया है.
महिलाओं ने मुख्यमंत्री को भेंट की लाल धान की बाली-
मुख्यमंत्री ने दीदी-भुली महोत्सव में वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट में हाल ही में देश में दूसरे स्थान का सम्मान पाने वाले लाल धान की जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने लाल धान का उत्पादन करनी वाली महिलाओं एवं हिंसर संस्था की सचिव श्वेता बंधानी ने मुख्यमंत्री को लाल धान की बाली भेंट की. उन्होंने महिलाओं के साथ लाल धान की कुटाई पारंपरिक ओखली यानी उलख्यारे में गिंज्याली (मूसल) थामकर की है। साथ ही लाल धान के चूड़ा बनाने की जानकारी ली.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार