देहरादून: दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के आरोपित को न्यायालय ने गवाहों व साक्ष्यों के अभाव के चलते दोषमुक्त कर दिया. अभियोजन पक्ष के अनुसार गांधी ग्राम निवासी महिला ने दो सितम्बर 2022 को नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले कुन्दन साहनी ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया है. पुलिस ने दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
मामले की कमजोर कढ़ी
न्यायालय में केस विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष युवती के नाबालिग होने के कोई प्रमाण कोर्ट में पेश नहीं कर सका. इसके साथ ही न्यायालय में केस विचारण के दौरान पीडिता की मां भी पक्षद्रोह हो गयी और वह अपनी बात से पलट गयी. युवती ने अपनी गवाही में कहा कि कुन्दन साहनी उसको पार्टी के बहाने कहीं बाहर ले गया था, जहां पर उसने उसको कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसको बेहोश कर दिया. उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार वर्मा ने न्यायालय को बताया कि पीड़िता ने अपने 164 के बयान में दुष्कर्म की बात नहीं की उसने अपने बयान में कहा कि उसकी मर्जी से कुन्दन साहनी ने उसके साथ सम्बन्ध बनाये थे.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार वर्मा ने न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किये कि पीड़िता की मां ने घटना सितम्बर माह की बतायी जबकि उससे पहले ही पीडिता के द्वारा 12 अगस्त को एसएसपी कार्यालय में तथा 22 अगस्त को बसंत विहार थाने में प्रार्थना पत्र देते हुए दुष्कर्म की बात कही है. बचाव पक्ष ने न्यायालय को बताया कि पीड़िता घटनास्थल कहीं अन्य जगह बता रही है तो वहीं जांच अधिकारी के द्वारा घटनास्थल को पीड़िता व आरोपित के घर के मध्य बता रहा है.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि यह सब फर्जी व मनगढंत कहानी है तथा जांच अधिकारी अभी तक न्यायालय में एक भी गवाह पेश नहीं कर सके हैं. गवाहों व साक्ष्यों के अभाव के चलते न्यायालय ने आरोपित को दोषमुक्त (बरी) कर दिया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार