गोपेश्वर: यात्राकाल में भगवान श्री बदरीश पंचायत में विराजित देवताओं के खजांची कुबेर के शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर स्थित नव निर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय कार्यक्रम मकर संक्रांति के पर्व में महाविद्यापाठ पूर्णाहुति, हवन, यज्ञ, पूजा-अर्चना के साथ समापन हो गया. इसी के साथ देवताओं के खजांची भगवान कुबेर अपने नये मंदिर में स्थापित चांदी के सिंहासन में विराजमान हो गये। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान कुबेर तथा योग बदरी मंदिर तथा उद्धव के दर्शन किये.
3 दिनों तक चला पूजा पाठ का कार्यक्रम
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार 12 जनवरी को जल कलश यात्रा तथा शुद्धि हवन महाविद्या पाठ के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम शुरू हो गया था. मकर संक्रांति के दिन कुबेर नये मंदिर में विराजमान हो गये, उद्धव तथा कुबेर बदरीनाथ यात्रा समापन के बाद शीतकाल छह माह पांडुकेश्वर में निवास करते है.
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान कुबेर के नये मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं प्रेषित की है. बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार लगातार पूर्णाहुति तक पूजा में शामिल रहे. उन्होंने कहा कि योग बदरी पांडुकेश्वर और कुबेर मंदिर में भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होने तक विशेष पूजा अर्चना चलती रहेगी.
प्राण प्रतिष्ठा हुई पूरी
कुबेर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समापन पर बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, दीपक शास्त्री, पुजारी परमेश्वर डिमरी ने यज्ञ- पूजा अर्चना की। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बीकेटीसी तथा खाक चैक आश्रम बदरीनाथ के संस्थापक एवं परमाध्यक्ष बाबा बालक योगेश्वरदास जी महाराज ने कुबेर मंदिर निर्माण जीर्णोद्धार में सहयोग किया है.
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के पूर्व सदस्य गोविंद सिंह पंवार, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, बदरीनाथ धाम मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, डीजीसी प्रकाश भंडारी, डिप्टी कमांडेंट आईटीबीपी औली नानक चंद, कुबेर देवरा समिति अध्यक्ष अनूप भंडारी, उपाध्यक्ष राजेश मेहता, सरपंच जसबीर, ग्राम प्रधान बबीता पंवार, महिला मंगल दल अध्यक्ष बीना पंवार आदि मौजूद थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार