नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज और कल (16-17 जनवरी) आंध्र प्रदेश और केरल के दौरे पर रहेंगे. मीडिया एजेंसी पीआईबी की हाल में जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई. पीएम मोदी के कार्यक्रमों का ब्योरा भारतीय जनता पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर भी साझा किया है. पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री आज अपराह्न करीब 3:30 बजे आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम पहुंचेंगे और राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे. वो भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 74वें और 75वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ-साथ रॉयल सिविल सर्विस ऑफ भूटान के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ भी बातचीत करेंगे.
इन परियोजनाओं को भी करेंगे शुरू
अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी सुबह करीब 07:30 बजे केरल के गुरुवयूर मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे. वो सुबह करीब 10:30 बजे त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे. इसके बाद, दोपहर करीब 12 बजे बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
इन मायनों में खास है ये यात्रा
आपको बता दें कि कोच्चि यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की तीन प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं अर्थात कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में न्यू ड्राई डॉक (एनडीडी), सीएसएल की इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी (आईएसआरएफ) और पुथुवाइपीन (कोच्चि) में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एलपीजी आयात टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे. ये प्रमुख अवसंरचना परियोजनाएं भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र में पूरी तरह बदलाव लाने और इसका क्षमता निर्माण करने और इसे आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं.
नई ड्राई डॉक परियोजना हैवी ग्राउंड लोडिंग की सुविधा से युक्त है, जो भारत को भविष्य के 70,000 टन विस्थापन तक के विमान वाहक जहाजों जैसे रणनीतिक पोतों के साथ-साथ बड़े वाणिज्यिक जहाजों को संभालने के लिए उन्नत क्षमताओं के साथ स्थापित करेगी, जिससे आपातकालीन राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए भारत की अन्य देशों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी.
लगभग 970 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी (आईएसआरएफ) परियोजना अपने आप में एक अनूठी सुविधा है. इसमें 6000 टन क्षमता से युक्त जहाज लिफ्ट सिस्टम, ट्रांसफर सिस्टम, छह वर्कस्टेशन और लगभग 1,400 मीटर की बर्थ है, जो 130 मीटर लंबाई के सात जहाजों को एक साथ समायोजित कर सकती है. आईएसआरएफ, सीएसएल की मौजूदा जहाज मरम्मत क्षमताओं का आधुनिकीकरण और विस्तार करेगी और कोच्चि को वैश्विक जहाज मरम्मत केंद्र के रूप में बदलने की दिशा में एक कदम होगी.
कोच्चि के पुथुवाइपीन में लगभग 1,236 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इंडियन ऑयल का एलपीजी आयात टर्मिनल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है. 15400 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता से युक्त यह टर्मिनल क्षेत्र के लाखों घरों और व्यवसायों के लिए एलपीजी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. यह परियोजना सभी के लिए सुलभ और किफायती ऊर्जा सुनिश्चित करने की दिशा में भारत के प्रयासों को और मजबूत करेगी.
देश के विकास में मदद करेंगी परियोजनाएं
इन तीन परियोजनाओं के चालू होने से देश की जहाज निर्माण और मरम्मत क्षमताओं के साथ-साथ अनुषंगी उद्योगों सहित ऊर्जा संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा. ये परियोजनाएं निर्यात-आयात व्यापार को बढ़ावा देंगी, लॉजिस्टिक्स लागत कम करेंगी, आर्थिक विकास को गति देंगी, आत्मनिर्भरता का निर्माण करेंगी तथा अनेक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अवसरों का सृजन करेंगी.
जारी की गई प्रेस रिलीज की मानें तो लोक सेवा क्षमता निर्माण के माध्यम से शासन में सुधार लाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम के तहत आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) के नए अत्याधुनिक परिसर की परिकल्पना और निर्माण किया गया है. 500 एकड़ में फैली यह अकादमी अप्रत्यक्ष कराधान (सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वस्तु एवं सेवा कर) और नारकोटिक्स नियंत्रण प्रशासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए भारत सरकार की सर्वोच्च संस्था है. राष्ट्रीय स्तर का यह विश्व स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय संबद्ध सेवाओं, राज्य सरकारों और भागीदार देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
इस नए परिसर के जुड़ने से एनएसीआईएन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए संवर्धित और आभासी वास्तविकता, ब्लॉक-चेन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों जैसी नए युग की प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
साभार – हिन्दुस्थान समाचार