Adi Kailash Yatra 2024: कुमाऊं मण्डल विकास निगम की वर्ष 1991 से निरंतर आयोजित की जा रही आदि कैलाश यात्रा के इस वर्ष के संस्करण की यात्रा की तैयारियों पर लगा ब्रेक हट चुका है और यह अभी से ही शुरू भी से शुरू कर दी गयी हैं.
बता दें कि हर साल मई से नवंबर माह के मध्य आयोजित होने वाली इस यात्रा के लिये बीते वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश की यात्रा के बाद देश भर के श्रद्धालुओं एवं साहसिक पर्यटन के शौकीनों में खासा उत्साह है. इसलिये भी कि कोरोना काल के बाद देशवासी कैलाश मानसरोवर की यात्रा नहीं कर पा रहे थें जिसमें चल रही तमाम रूकावटें अब दूर हो चुकी हैं. इसे देखते हुए खासतौर पर जून व जुलाई माह में पहली बार हर रोज यानी 60 दलों में यात्रा कराने की तैयारी की गयी है.
सामने आया बड़ा अपडेट
निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप तिवारी के हवाले से महाप्रबंधक एपी बाजपेयी ने बताया कि इस वर्ष 13 मई से नवंबर तक आयोजित होने वाली यात्रा के संचालन हेतु सभी आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण कर ली गई हैं. श्रद्धालुओं की सामान्य जानकारी हेतु दलवार कार्यक्रम, व्यवस्थायें, सुविधाएं, आवेदन प्रपत्र एवं दरों का निर्धारण कर की वेबसाईट पर प्रदर्षित कर दिया गया है. यात्रा में प्रतिभाग करने हेतु यात्री निगम के जनसंपर्क कार्यालयों अथवा केंद्रीय आरक्षण केंद्र, नैनीताल के माध्यम से बुकिंग करा सकते हैं.
यह यात्रा काठगोदाम से काठगोदाम कुल 7 रात्रि एवं 8 दिनों में 40 हजार रुपये में, काठगोदाम से काठगोदाम त्वरित 4 रात्रि एवं 5 दिनों की 33 हजार में, टनकपुर से काठगोदाम 7 रात्रि एवं 8 दिनों की 40 हजार में, टनकपुर से टनकपुर-त्वरित 5 रात्रि एवं 6 दिनों की 35 हजार में, तथा धारचूला से धारचूला कुल 4 रात्रि एवं 5 दिनों की 30 हजार रुपये में निर्धारित की गई है. पैकेज में आवास, भोजन, परिवहन, गाइड इत्यादि की सुविधायें भी सम्मिलित की गई हैं.
जानें यात्रा के प्रमुख पड़ाव
खबरों की मानें तो मानसरोबर की यह पावन यात्रा मई एवं जून माह में 60 दलों के माध्यम से यात्रा संचालित की जायेगी. जुलाई से नवम्बर हेतु पृथक से दलों का निर्धारण किया जायेगा। हर दल में अधिकतम 35 यात्री शामिल हो सकेंगे. यात्रा के पढ़ाव काठगोदाम, टनकपुर के उपरांत पिथौरागढ़, धारचूला गुंजी, बुदी, चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट, लोहाघाट, एबट माउंट व भीमताल आदि होंगे। यात्रा के दौरान बाबा नीब करौरी के कैंची आश्रम, अल्मोड़ा, चितई, जागेश्वर, पिथौरागढ़, जौलजीबी, धारचूला, छियालेख, गर्ब्यांग, नपलच्यू, कालापानी, नाभीढांग, ओम पर्वत, नाबी, कुटी, ज्योलिंगकांग, पार्वती सरोवर आदि के दर्शन भी कराये जायेंगे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार