चिन्यालीसौड़: भारत- चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान सेना के जवान का ग्लेशियर से पैर फिसलने से बलिदान हो गया. बलिदानी 28 वर्षीय शैलेंद्र विकास खंड चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव के निवासी थे.
शैलेंद्र गढ़वाल राइफल के गढ़वाल स्काउट में जोशीमठ में तैनात थे. सोमवार को शैलेंद्र के परिवार को आर्मी के अधिकारी ने बताया कि शैलेंद्र की गोल्डुंग पोस्ट नीती के पास बॉर्डर पर पेट्रोलिंग ड्यूटी के दौरान हुए बलिदान की जानकारी दी.
दो बच्चों के पिता थे बलिदानी शैलेंद्र
उन्होंने बताया कि शैलेंद्र पेट्रोलिंग के लिए साथियों के साथ जा रहा था तो अचानक उसका पैर फिसल गया है. वह ग्लेशियर की पहाड़ी से गिर गया, जब तक उसको निकाला गया, तब शैलेंद्र का बलिदान हो चुका था. शैलेंद्र के मामा ओम प्रकाश ने बताया कि 2 महीने पहले ही बलिदानी शैलेंद्र के पिता कृपाल सिंह कथैत की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. शैलेंद्र 22 नवंबर को छुट्टी काट कर गया था, वह यह कह कर गया था कि नया मकान बनाना है. उन्होंने बताया कि शैलेंद्र के 2 बच्चे है, जिनमें एक 4 साल का है और दूसरा डेढ़ साल का है.
परिवार में पसरा मातम
शैलेंद्र की पत्नी अंजू देवी ने रो- रो कर बुरा हाल है. उसने बताया कि उनकी दो दिन पहले ही अपने पति से बात हुई थ.। उन्होंने ससुर की मृत्यु के बाद परिवार को संभालने की पूरी जिम्मेदारी मुझे देते हुए कहा था कि बड़े बच्चे को जल्दी ही सैनिक स्कूल में भर्ती करवा कर उसको भी सैनिक अधिकारी बना कर देश की सेवा के लिए तैयार करेंगे. उन्हें क्या पता था कि उनके अपने पति के साथ उनकी यह अंतिम बात होगी. शैलेंद्र के बलिदान की खबर इलाके में आग की तरह से फैल गई. हर तरफ सिर्फ शैलेंद्र की ही बातें हो रही हैं.
शैलेंद्र के शहीद होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण सहित ग्राम प्रधान कुमराडा विनोद पुरसोडा, पूर्व प्रमुख विजेंद्र रावत,पूनम रमोला,शीशपाल रमोला ने शोक व्यक्त किया है।परिजनों ने बताया कि सैनिक का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक घाट कुमराड़ा में सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा।
साभार – हिंदुस्थान समाचार