देहरादून: उत्तराखण्ड की विकास यात्रा के दर्शन भारत पर्व के अवसर पर 23 से 31 जनवरी तक दिल्ली के लाल किले में पहली बार करने को मिलेंगे. इस बार झांकी की थीम विकसित उत्तराखण्ड रखी गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का बताया था. मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य की सरकार इस दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है.
क्या होगा खास?
‘विकसित उत्तराखण्ड’ झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक व नोडल अधिकारी के.एस. चौहान ने बताया कि विकसित उत्तराखण्ड, झांकी के अग्र भाग में कुमाऊंनी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है और पारम्परिक व्यंजन मंडूवा, झंगोरा, रामदाना व कौणी की खेती अथवा राज्य पक्षी मोनाल को दर्शाया गया है और झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है व इस योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है.
इन तर्ज पर हो रहा है प्रदेश का विकास
केएस चौहान ने बताया कि वर्ष 2023 में भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया था. इसके अतिरिक्त लखपति दीदी योजना से राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. स्वयं सहायता समूह में कार्य करते हुए स्थानीय महिलाएं एवं सुन्दर पहाड़ों में सौर ऊर्जा और मोबाइल टावर को भी उकेरा गया है. ‘विकसित उत्तराखण्ड’ झांकी के अंतिम भाग में ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे और भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड़ कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है. इन योजनाओं से उत्तराखण्ड में यात्रियों के लिए आवागमन की सुविधा में आमूल चूल परिवर्तन हुआ है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार