Sankashti Chaturthi 2024: तिलकुटा या संकष्ठी चतुर्थी व्रत आज श्रद्धा और आस्था के साथ पूरे देशभर में मनाया जा रहा है, इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रख कर भगवान गणेश और चौथ माता की पूजा कर उन्हें तिलकूट का भोग लगाती है. हिंदु धर्म और मान्यताओें से इसका विशेष महत्व बताया गया है. दिन में महिलाएं कथा करने के बाद शाम को माता को पुआ, पकौड़ी हलवा और तिल के लड्डू अर्पित कर पूजा पाठ करती है च्रन्द्रोदय के बाद व्रत का पारण किया जाएगा.
अक्षत सुहाग की कामना, संकटों को हरने के लिए बाधा निवृति के लिए चौथ माता और विंदायक की पूजा की जाती है. पूरे साल की चार चौथ में से एक सकट चौथ व्रत में महिलाएं पूरे दिन व्रत रह कर रात्रि में चंद्रोदय के उपरांत चंद्रमा को अर्घ देकर बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं, इससे पहले शाम के समय महिलाएं चौथ माता की कथा सुनकर हाथों से बने हुए तिलकुट का भोग लगाती हैं, चंद्रमा को अर्घ के बाद महिलाएं तिलकुट का प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोला जाता है. उद्यापन करने वाली महिलाएं 17 महिलाओं को चंद्रोदय के बाद भोजन करवाकर व्रत खोलेंगी और आशीर्वाद प्राप्त करेंगी.
पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि सकट चौथ का व्रत संतान की दीर्घायु के लिए एवं सुखी जीवन के लिए रखा जाता हैं. इस व्रत को निर्जला किया जाता हैं, सकट चौथ की पूजा में सकट चौथ पर चंद्रोदय का समय रात्रि में 9.20 मिनट पर होगा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार