Uttarakhand Madarsa: उत्तराखंड के मदरसों में जल्द ही बच्चों के लिए रामायण का पाठ पाठ्यक्रम में शुरू करवाया जा सकता है, अब इस फैसले पर वफ्फ बोर्ड की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. इस वजह से आने वाले सत्र में 177 मदरसों से इसकी शुरूआत की जाएगी. पूरे में पर उत्तराखंड वफ्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स की और से कहा गया है कि प्रदेश में बोर्ड के अंदर आना वाले मदरसों में जल्द ही रामायण को शुरू किया जाएगा जोकि बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़ने पर मदद करेगा.
बता दें कि शादाब इससे पहले भी इस मामले पर खुलकर अपनी बात रख चुके है. इसी वजह से उन्हें मौलानाओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा था.
इतने मदरसों पढ़ाई जाएगी रामकथा
आपको बता दें कि पूरे उत्तराखंड प्रदेश में कुल 415 मदरसे संचालित किये जाते हैं जिसमें से कुल 177 मदरसे वफ्फ बोर्ड के अंतर्गत आते हैं. रामायण पढाने की शुरूआत इन्हीं मदरसों के की जाने वाली है. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बोला कि बच्चों के लिए पैगंबर और मजहबी शिक्षा के राथ श्री राम के व्यक्तित्व के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. जोकि उनके भविष्य को निखारने में मददगार साबित होगा. खबरों की माने तों आने वाले एनसीआरटी के आगामी सत्र में बच्चों के पाठ्यक्रम में रामकथा को जोड़ने के फैसले को बफ्फ बोर्ड की तरफ से मंजूरी मिल गई हैं.
बोर्ड अध्यक्ष ने कही थी यह बात
कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश के अयोध्याधाम में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन की गई है. खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम कर इस मंदिर का उद्घाटन किया जहां कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुई थीं, वहीं प्रदेश बोर्ड अध्यक्ष की तरफ से भी कहा गया था ‘बच्चों को राम की तरह बनाना है औरंगजेब की तरह नही इसके लिए राम के चरित्र को जानना और समझना भी काफी जरूरी है’.