उत्तराखंड की धामी सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अपने किये चुनावी वादा के तहत मंगलवार को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखा गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हाथ में संविधान की कापी लेकर विधानसभा पहुंचे. यूसीसी ड्राफ्ट में हर धर्म में शादी और तलाक के लिए एक ही कानून, बहु विवाह पर रोक जैसे कई बिन्दु शामिल हैं जोकि कानून बनने पर लागू हो सकते हैं.
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था. इसी के तहत उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दी थी. यूसीसी में कई बिन्दु शामिल हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-
– सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र निर्धारित होगी.
– पुरुष-महिला को तलाक देने के लिए समान अधिकार.
– महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं.
– अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर.
– बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं.
– शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी, बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं.
– उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक.
समान नागरिक संहिता लागू हुई तो क्या होगा?
– हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून.
– जो कानून हिन्दुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी.
– बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे.
कॉमन सिविल कोड से क्या नहीं बदलेगा?
– धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं
.
– धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं.
– ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे.
– खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार