Losar Festival: सरोवरनगरी नैनीताल को सर्वधर्म की नगरी भी कहते हैं, यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई व जैन के साथ बौद्ध धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और अपने त्योहारों को पूरे धार्मिक हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इसी कड़ी में इन दिनों नगर में रहने वाले तिब्बती शरणार्थी समुदाय के लोगों के द्वारा नये वर्ष यानी लोसर के कार्यक्रम मनाये जा रहे हैं. बताया गया है कि इस आयोजन में नगर के सुख निवास स्थित बौद्ध मठ-गोम्फा में कई धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं. इस कड़ी में आज मठ में पूजा-अर्जना एवं शांति पाठ किया गया एवं सैकड़ों की संख्या में दीपक जलाये गये.
बताया गया कि तिब्बती कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष बौद्ध धर्मावलंबियों का 2151वां नव वर्ष-लोसर मनाया जा रहा है। सोमवार 12 फरवरी को भी कार्यक्रम आयोजित होंगे. तिब्बती ज्योतिषीय राशि चिन्हों में 12 पशु चिह्न शामिल हैं.
लोसर का इस वर्ष का प्रतीक चिन्ह ‘द वुडन ड्रैगन’ है, जिसे तिब्बती भाषा में ‘ड्रुग्लोबा’ कहा जाता है. इस अवसर पर तिब्बती समुदाय के लोगों ने सुबह बौद्ध मठ में दीप जलाकर पूजा की और बीते वर्ष किए गये बुरे कार्यों के लिए माफी मांगी और नये वर्ष में अच्छे कार्यों के लिये दुवाएं की. आयोजन में मठ के वरिष्ठ पुजारी तेनजिन छोरूप सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार