Dayanand Saraswati: गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के माता लाल देवी यज्ञशाला में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया. यज्ञ के उपरान्त प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह ने आनलाइन संगोष्ठी में संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती गुजरात के टंकारा में प्रमुख रूप से मनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश को सभी को स्वाध्याय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सनातनी पद्धति को मानने वाले मदन मोहन मालवीय ने भी अन्तिम समय में सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने का प्रचार-प्रसार किया था.
सम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि आज सभागार में जितने भी लोग बैठे है उन सभी को शपथ लेनी होगी कि महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा स्वरचित महाकाव्य सत्यार्थ प्रकाश को अवश्य पढ़ेंगे. यह पुस्तक वेद वेदांत से परिपूर्ण है, उन्होंने कहा कि आर्य समाज विचारधारा को आगे बढ़ाना है तो अपने आसपास के लोगों को आर्य समाज के नियमों से जोड़ना होगा. आर्य ही एक हिन्दुत्ववादी विचारधारा है। इस धारा को जीवन्त रखने के लिए महर्षि दयानन्द सरस्वती और स्वामी श्रद्धानन्द ने वैदिक संगाष्ठियां कर स्वराज दिलवाया था.
पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती न होते तो आज गुरुकुल नहीं होता. महर्षि दयानन्द सरस्वती की विचारधारा को घर-घर पहुंचाने के लिए स्वामी श्रद्धानन्द ने प्रचार-प्रसार किया और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. आज इस संस्था को 100 से अधिक वर्ष हो गए है जिसे पल्लवित करने का कार्य नवनियुक्त कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह कर रहे हैं. कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की पहचान शिक्षा के क्षेत्र में देश ही नहीं समुची दुनिया में है.
इस अवसर पर प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. देवेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रो. डीएस मलिक, प्रो. वीके सिंह डा. वेदव्रत, डा. अजीत सिंह तोमर, डा. विपिन वालियान, प्रो. सुचित्रा मलिक, डा. वरिन्द्र वर्क, प्रो. नमिता जोशी, डा. उधम सिंह, प्रो. मुदिता अग्निहोत्री, प्रो. सुरेखाराणा, डा. दीपा गुप्ता, डा. मनीला, प्रो. बिन्दु अरोड़ा, डा. मीरा भारद्वाज, डा. ऋचा सिंह, डा. आशिमा, प्रमोद कुमार, विद्यालय विभाग के शिक्षक व ब्रह्मचारी सहित विभिन्न शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे. संचालन डा. हिमांशु पण्डित ने किया.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार