Dehradun: केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत उत्तराखंड को 120 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. स्वीकृत धनराशि से कुमाऊं और दून दोनों विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का आधुनिकीकरण, शोध कार्यों का विस्तार एवं सॉफ्ट स्किल कार्यक्रमों के संचालन के साथ ही विभिन्न अकादमिक केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रधानमंत्री मोदी व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री का आभार जताया है.
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एक जारी बयान में बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के कायाकल्प के लिये राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत पांच कम्पोनेंट के क्रियान्वयन के लिए पूर्व में अनुबंध किया गया था. जिसके अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास एवं आधुनिकीकरण, शोध गतिविधियों का संचालन एवं विस्तार,कौशल विकास आधारित शिक्षा, प्रौद्योगिकी का उपयोग, नैक में सुधार के लिये गुणवत्ता को बढ़ावा देना, ई-लर्निंग एवं वर्चुअल लर्निंग के आउटपुट पर नजर रखने सहित अनेक कार्य शामिल हैं. पूर्व में किये गये अनुबंध के तहत राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गये प्रस्तावों पर मंजूरी मिलनी शुरू हो गई है.
प्रथम चरण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मेरू राष्ट्रीय स्तर पर 26 विश्वविद्यालयों को चयनित किया गया है जिसमें से प्रदेश से कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल भी शामिल है. इस परियोजना के तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय को 100 की धनराशि मिली है, जिससे विश्वविद्यालय में विभिन्न शोध एवं शैक्षणिक केन्द्रों की स्थापना की जायेगी. इनमें सेंटर फॉर सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट, सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड एन्टरप्रेन्योरशिप, सेंटर फॉर नॉन कन्वेंशनल एनर्जी स्टडीज, सेंटर फॉर डिजास्टर मैंनेजमेंट, सेंटर फॉर एडवांस कम्प्यूटरिंग, सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिमालयन मेडिसिनल प्लांट्स एंड वेलनेस लाइफस्टाइल, फैकल्टी ऑफ लॉ एंड एजूकेशन, फैकल्टी ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज एंड नैनो टेक्नोलॉजी, सेंट्रलाइज्ड इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटीज के साथ ही आधारभूत सुविधाओं का आधुनिकीकरण एवं शोध कार्यों का विस्तार किया जायेगा.
इसके अलावा दून विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय संवर्द्धन कम्पोनेंट के तहत 20 करोड़ की धनराशि मिली है. जिससे विश्वविद्यालय में कम्पोजिट साइंस लेबोरेटरी निर्माण, नवाचार व आधुनिकीकरण के कार्य किये जायेंगे. जिससे दोनों विश्वविद्यालयों में आधुनिक एवं गुणवत्तापरक शिक्षा के विस्तार के साथ ही रोजगारपरक व प्रौद्योगिकी संबंधी शिक्षा के विस्तार में मदद मिलेगी.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार