Dehradun: देश में फर्जी नंबर के माध्यम से टेलीग्राम, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं व्हाट्सएप पर निवेश के जरिए लाभ का प्रलोभन देकर करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है. देहरादून एसटीएफ ने बुधवार को सनसनीखेज का खुलासा किया है. फर्जी नंबरों के माध्यम से 80 लाख रुपये की ठगी करने वाले युवक को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है. एक मोबाइल के साथ विभिन्न कंपनियों के 3000 सिम कार्ड भी बरामद किया है. बरामद सिम की कुल लागत एक लाख 95 हजार रुपये है.
दिल्ली का आरोपित युवक धोखाधड़ी व ठगी करने का नायाब तरीका निकाला है. आरोपित साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी के नाम पर सिम प्राप्त कर उन फर्जी सिमों के माध्यम से अपनी फर्जी वेबसाइट पर स्वयं को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी का अधिकारी बताते हुए आम जनता की मेहनत की गाढ़ी-कमाई ठग लेता था. व्हाट्सएप कॉल व मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने का प्रलोभन देता था.
ऐसे सामने आया मामल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि कुछ दिवस पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक प्रकरण आया, जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता फेसबुक माध्यम से एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘T Rowe Price stock pull up group A82’ में एड हुआ, जहां स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी. इसके बाद अज्ञात व्यक्तियों ने शिकायतकर्ता से संपर्क कर स्वयं को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी से बताकर ट्रेडिंग के लिए खाता खुलवाया और अन्य व्हाट्सएप ग्रुप ‘इंदिरा कस्टमर केयर-A303’ में एड कर एप डाउनलोड करने के लिए लिंक दिया गया.
लिंक के जरिए स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर शिकायतकर्ता से भिन्न-भिन्न तिथियों में कुल 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मुकदमा पंजीकृत किया गया. प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गई.
विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि जिन मोबाईल नंबरों से शिकायकर्ता को व्हाट्सएप कॉलिंग की गई थी, वह XENO TECHNOLOGY के नाम से मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चांदनी महल दिल्ली ने किया था, फिर उसकी तलाश के लिए एसटीएफ टीम को दिल्ली भेजा गया. टीम ने मुदस्सिर मिर्जा (29) को थाना चांदनी महल क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से लगभग 3000 सिम बरामद किया.
एजेंटों को बांट रखा है 42 हजार एम2एम सिम कार्ड्
गिरफ्तार आरोपित ने पूछताछ में बताया कि उसने कोरपोरेट आईडी के नाम पर हजारों की संख्या में एम2एम सिम कार्ड्स जारी कराया है. ये सिम व्हाट्सएप पर बिजनेस मार्केटिंग करने के लिए लिया था. इसके लिए उसने मुंबई, बोरीवली में एक ऑफिस किराए पर लिया और अपने कोरपोरेट आईडी पर अलग-अलग समय पर एयरटेल से कुल 29 हजार सिम, वोडाफोन-आईडिया के 16000 सिम कार्ड खरीदा, जो अपने एजेंटों को दे दिया. इन नंबरों को फिर फोन से निकाल दिया जाता था. लगभग तीन हजार एयरटेल के सिम कार्ड बचे हुए थे, जो पुलिस ने बरामद कर लिया.
क्या है एम2एम संचा
एम2एम संचार आमतौर पर मशीनों के बीच होता है, जहां नेटवर्क डिवाइस बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. यह रेगुलर सिम से अलग है जिसे एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर किया जा सकता है. डेबिट-क्रेडिट कार्ड स्वाइपिंग मशीन, पीओएस (प्वाइंट-ऑफ-सेल) डिवाइस जैसे उपकरण एम2एम संचार में शामिल हैं. इस प्रकार के संचार का उपयोग गोदाम प्रबंधन, रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, रसद सेवाओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बेड़े प्रबंधन, रिमोट कंट्रोल और बहुत कुछ में भी किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के लिए किया जा रहा है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार