Dehradun: प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में आदि कैलाश, ओम पर्वत, पार्वती सरोवर पवित्र धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए जल्द हेली सेवा प्रारंभ की जाएगी. वहीं पर्यटकों को आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के दर्शन जौलिंगकौंग एवं नाबीढांग से कराए जाने की योजना है. इससे धार्मिक यात्रा के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ही, पर्यटकों की संख्या बढ़ने से रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.
हेली सेवाएं प्रारंभिक रूप से छह माह के लिए संचालित किए जाने का प्रस्ताव है. छह माह के उपरांत व्यापक परीक्षण कर पर्यटकों के लिए नियमित रूप से संचालित किया जा सकेगा. मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को आदि कैलाश क्षेत्र में पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित करने की कार्ययोजना पर गंभीरता और तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने दिए आवश्यक निर्देश
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में बुधवार को आदि कैलाश की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं और कनेक्टिविटी को मजबूत करने को लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की प्रगति परखी. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक निर्देश दिए.
सर्दियों में आजीविका के लिए पलायन करते हैं स्थानीय नागरिक-
मुख्य सचिव ने कहा कि विषम मौसम एवं उच्च हिमालयी क्षेत्रों के अत्यधिक ठंड के कारण सर्दियों में छह माह तक यहां के नागरिकाें के पास कोई व्यवसाय न होने के कारण उन्हें मजबूरन निचले क्षेत्रों में आजीविका के लिए पलायन करना पड़ता है. जबकि सामरिक दृष्टिकोण, धार्मिक पर्यटन एवं साहसिक पर्यटन की दृष्टि से यह क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है.
विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने से रुकेगा पलायन
ऐसे में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने से वर्ष पर्यंत पर्यटकों की उपस्थिति होगी. इससे न केवल सामरिक दृष्टिकोण अपितु एक नया शीतकालीन पर्यटन गंतव्य व उत्पाद केंद्र तैयार कर स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने एवं राजस्व अर्जित का प्रमुख स्रोत विकसित हो सकता है. बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव पूजा गर्ब्याल आदि थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार