Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा गौरा योजना के अंतर्गत एक लाख लाभार्थी बालिकाओं को पीएफएमएस के माध्यम से 358.3 करोड़ तथा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत कुल 3.58 करोड़ की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया.
नंदा गौरा योजना के अन्तर्गत बालिका के जन्म पर 11 हजार एवं 12वीं पास करने पर 51 हजार रुपये मिलेगा. इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 की जन्म वाली 11948 बालिकाएं तथा 12वीं पास 32353 बालिकाएं तथा वर्ष 2023-24 के जन्म वाली 6539 बालिकाएं तथा 12वीं पास 24408 बालिकाएं शामिल हैं. साथ ही वित्तीय वर्ष 2009-10 से वित्तीय वर्ष 2016-17 तक लाभ से वंचित रह गई 32,3,61 बालिकाओं को भी 15 हजार रुपये से लाभान्वित किया जाएगा.
इस प्रकार अब तक कुल 1,07,609 बालिकाओं को कुल रूपये 3,58,35,83,000 रुपये (तीन अरब अठावन करोड़ पैंतीस लाख तिरासी हजार) से लाभान्वित किया गया है. जबकि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में 01 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में कोविड-19 महामारी एवं अन्य बीमारियों से संरक्षक की मृत्यु के कारण जन्म से 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये भरण पोषण भत्ता प्रदान की गई. इसमें मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनांतर्गत लाभार्थियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह की दर से जनवरी 2024 में 5981 लाभार्थियों को 1.79 करोड़ एवं फरवरी 2024 में 5956 लाभार्थियों को 1.78 करोड़ (कुल 358.17 लाख) की धनराशि जारी की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ अनाथ बच्चों के देखभाल की राह आसान हुई है. बालिकाओं को प्रोत्साहन मिलने से स्नातक स्तर पर उनके प्रवेश के ग्राफ में बढ़ोत्तरी हुई है. इससे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को मजबूती के साथ विकसित राज्य की भी पहचान बनी है. इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव एवं निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य आदि थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार