Dehradun: वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम के लिए द हंस फाउंडेशन और मसूरी वन प्रभाग ने बुधवार को संयुक्त रूप से एक महत्वपूर्ण समझौता किया है. इस समझौते के तहत, दोनों संगठनों ने वनाग्नि से निपटने के लिए सहयोग करने का निर्णय लिया है.
मसूरी वन प्रभाग के कार्यालय में हुए समझौते के अंतर्गत, वनाग्नि स्वयंसेवक दलों को वनअग्नि कंट्रोल रूम से जोड़ने के लिए मोबाइल ऐप की शुरुआत की गई. इस मोबाइल ऐप के माध्यम से वन सर्वेक्षण संस्थान की ओर से वनाग्नि की सूचना तत्काल सीधे स्वयंसेवकों तक पहुंचाई जाएगी. जहां एक ओर वन विभाग के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के मध्य सामंजस्य बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर वनाग्नि की घटना होने पर तत्काल नियंत्रण कार्यवाही की जा सकेगी.
द हंस फाउंडेशन ने 2022 में वनाग्नि रोकथाम परियोजना की शुरुआत की थी. इस परियोजना में, ग्राम स्थर पर चयनित स्वयंसेवक दल को 4 जिलों में वनाग्नि के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. द हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें मसूरी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारियों का मजबूत सहयोग मिला है. इस सहयोग से एक शक्तिशाली समुदाय का निर्माण होगा जो वनाग्नि से निपटने में मदद करेगा.
इस मौके पर मसूरी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार, द हंस फाउंडेशन से सीमा सिंह, मनोज जोशी, दिव्या ज्योति आदि मौजूद रहे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार