Rishikesh: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तराखंड में राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना का निर्माण 2025 तक पूरा कर लिए जाने के उपरांत इस ट्रैक पर वर्ष 2026 में रेलगाड़ी की आवाज उत्तराखंड वासियों को सुनाई देगी.
रेल विकास निगम लिमिटेड हर प्रकार के अवरोधों को पार कर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए द्रुत गति से कार्य को संचालित कर रहा है. यह जानकारी रेल विकास निगम के केंद्रीय परियोजना महाप्रबंधक अजीत सिंह यादव और उप महाप्रबंधक ओपी मालगुडी ने संयुक्त रूप से दी.
रेल विकास निगम के मुख्य कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में इन आला रेल अधिकारी द्वय ने बताया कि कोरोना काल के दौरान परियोजना के कार्यों में आई रुकावट के उपरांत रेल विकास निगम लि. अपने आदर्श वाक्य गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता के अनुरूप परियोजना का निर्माण राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मानकों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित रेलवे सुरंगों एवं सम्बन्धित सभी संरचनाओं का निर्माण कार्य सम्पादित कर रहा है.
उन्होंने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत निर्धारित कुल 104 किमी की सुरंगीय लम्बाई में से 75 किमी (70 प्रतिशत) का कार्य पूर्ण कर चुका है. यह कार्य सुरंग के दौरान खुदाई में आने वाले पत्थरों के बीच किया जा रहा है. इसी के साथ अन्य सुरंगों का खनन भी तीव्र गति से गतिमान है. प्रत्येक निर्धारित सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हुए 73 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है.
सुरक्षा एवं अभियांत्रिक मानकों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए सुरंग के प्रत्येक निर्माणाधीन भाग के खनन के दौरान किये जा रहे विस्फोटकों के परिमाण की मात्रा भारत सरकार के खान सुरक्षा महानिदेशालय के निर्धारित मानकों की सीमाओं के अन्तर्गत किया जा रहा है, जिसे समीपस्थ अवस्थित संरचनाओं एवं स्थलीय पर्यावरण को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे.
रेल विकास निगम लि. परियोजना के क्षेत्रों में निवास कर रहे जनमानस की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार से समन्वय बनाते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारियों के संदर्भित शिकायतों का निस्तारण भी समय पर किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि ऋषिकेश के ढालवाला क्षेत्र में पहली टनल का कार्य 1800 मीटर किया जा रहा है, जिसमें मिट्टी अधिक है. इस दौरान सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि देवप्रयाग में एक सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है. इस क्षेत्र में जो रेल का काम किया जा रहा है, वह कार्य पिछले 25 वर्षों के ठेकेदारों के अनुभव को देखते हुए उन्हीं को दिया गया है, जो टनल खुदान के साथ ही रेल लाइन बिछाई जाने का कार्य भी करेगी. इसके अंतर्गत 213 किलोमीटर लंबी कार्य योजना के दौरान 153 किलोमीटर खुदान का कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें सबसे लंबी सुरंग देवप्रयाग और जनाशु के बीच है. इसकी लंबाई 14.77 मीटर है, यह सभी कार्य डबल ट्यूब के हैं.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-2024 में ऋषिकेश की परियोजना क्रियान्वयन इकाई ने 60 किमी लम्बाई में सुरंगों का निर्माण किया है और 20 किमी लम्बाई में अन्तिम कंक्रीट अस्तर का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है. इसके अतिरिक्त 16 प्रमुख रेलवे पुलों में से 04 पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. श्रीनगर, गौचर एवं कालेश्वर/सिंवाई में रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने हेतु मोटर पुलों का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. इसी के साथ वर्ष 2026 में रेल के चलने के उपरांत यदि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है तो उसे ध्यान में रखते हुए रेल लाइन के साथ एक अलग से सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसके माध्यम से यात्रियों को सुरक्षित सड़क तक पहुंचा दिया जाएगा.
पत्रकार वार्ता में रेल विकास निगम के सीएम हेमंत कुमार, भू विज्ञान शास्त्री विजय डंगवाल, उपमहा प्रबंधक भूपेंद्र सिंह, संयुक्त महाप्रबंधक सुब्रत कुमार, अपर महाप्रबंधक अजय कुमार, पानीर अरोड़ा, भी मौजूद थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार