Champawat: मुख्यमंत्री ने 55 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले चम्पावत साइंस सिटी का भूमि पूजन और शिलान्यास करते हुए कहा कि विज्ञान केन्द्र आदर्श चंपावत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक क्रांति की मुख्य धारा से प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए प्रयास जारी है. इसी के तहत राज्य के सभी विकास खंडो में स्टेम लैब स्थापित किये जाएंगे.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुये चम्पावत साइंस सिटी का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र का भी शुभारम्भ किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चंपावत में विज्ञान केन्द्र के शिलान्यास की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विज्ञान केंद्र हमारे आदर्श चंपावत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. उत्तराखण्ड विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट राज्य बने, इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं और राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य की नोडल संस्था, यूकॉस्ट के माध्यम से लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान, विकास का मूल आधार है और विज्ञान,संवेदनशील तरीकों से समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि चम्पावत का विज्ञान केन्द्र राज्य में देहरादून,अल्मोड़ा के बाद तीसरा विज्ञान केंद्र होने जा रहा है और देश की 5 वीं साइंस सिटी, देहरादून में बनने जा रही है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में अल्मोड़ा में बने मानसखण्ड विज्ञान केन्द्र का लोकापर्ण किया गया है आज, लंबे समय से चम्पावत में विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जो मांग थी, वह पूरी हो रही है और यह शिलान्यास समारोह चम्पावत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. विज्ञान केंद्र के माध्यम से चम्पावत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाई है, जिसका गुणात्मक प्रभाव हम सबको शीघ्र दिखाई देगा.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में हमारा देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है और भारत की नेतृत्व क्षमता को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच और नवाचारी प्रवृति से ही देश व राज्य में विकास की रफ्तार तेज होगी.
सीएम धामी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व नवाचार पर उत्कृष्ट कार्य किए जाने पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और उनकी टीम की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि विज्ञान केन्द्र राज्य के छात्र-छत्राओं, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए उत्साह और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र का शुभारम्भ करते हुये युवाओं से प्रत्येक नशे से दूर रहने का आह्वान किया.
चार जिलों में जल्द स्थापित होगी “मुख्यमंत्री मोबाइल साइंस लैब
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत सहित प्रदेश भर के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक क्रांति की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं. राज्य सरकार के द्वारा राज्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी व नवाचार के प्रचार-प्रसार के लिए “मुख्यमंत्री लैब ऑन व्हील्स” परियोजना के तहत प्रत्येक जिले के लिए चलती फिरती विज्ञान प्रयोगशाला “मुख्यमंत्री मोबाइल साइंस लैब” की भी मंजूरी दी गयी है, जो प्रथम चरण में राज्य के चार जिलों में जल्द ही स्थापित की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के प्रत्येक ब्लाक में स्टेम एजुकेशन सिस्टम के द्वारा विज्ञान, तकनीक, प्रौद्योगिकी तथा गणित विषय को विद्यार्थियों की योग्यता एवं रुचि के अनुसार रोचक तरीकों से सिखाया जायेगा.
सभी जिलों में विज्ञान केन्द्र बनाने के लिए बजट आवंटित
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) राज्य के 95 विकास खंडो में स्टेम लैब को स्थापित करने हेतु प्रयासरत है. इसके प्रथम चरण में राज्य के सीमांत जनपदों सहित देहरादून में यूकॉस्ट द्वारा विकासखंडो में स्टेम लैब स्थापित करके राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है और अगले चरण में स्टेम लैब प्रदेश के सभी ब्लाकों में स्थापित किये जाएगे. बजट सत्र में राज्य के सभी जिलों में विज्ञान केन्द्र बनाने के लिए बजट आवंटित किया गया है.
विज्ञान केन्द्र के खुलने से बच्चों के मानसिक विकास में वृद्धि होगी: अजय टम्टा
कार्यक्रम में सांसद अजय टम्टा ने प्रतिभाग करते हुये कहा कि चम्पावत कुमाऊं की राजधानी रही है. उन्होंने कहा कि चम्पावत में विज्ञान केन्द्र के खुलने से बच्चों के मानसिक विकास में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी, क्योंकि किसी भी कार्य की प्रवीणता के लिये प्रैक्टिल की बहुत बड़ी भूमिका होती है तथा निश्चित ही यहां के बच्चों को इस विज्ञान केन्द्र के संचालित होने पर काफी बड़ा फायदा होगा. उन्होंने विज्ञान केन्द्र की विशेषताओं का उल्लेख करते हुये बताया कि इस विज्ञान केन्द्र में कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अत्याधुनिक इंटरैक्टिव गैलरी,फन साइंस पर इण्टरैक्टिव और सहभागी प्रदर्शनी, अन्तरिक्ष एवं खगोल विज्ञान पर इमर्सिव प्रदर्शन, डिजिटल तारामण्डल, साइंस पार्क आदि की सुविधायें होंगी, जिससे इस क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्यागिकी के लोकव्यापीकरण तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेष बगौली, विशेष सचिव डॉ.पराग मधुकर धकाते महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो.दुर्गेश पंत सहित संबंधित पदाधिकारी और अधिकारीगण उपस्थित थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार