Dehradun: संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में ब्रीफिंग करते हुए बताया कि पांचों लोकसभा सीट के लिए व्यय पर्यवेक्षक उत्तराखंड पहुंच चुके हैं, जो नामांकन के दौरान उम्मीदवारों व पार्टियों की खर्च पर कड़ी निगरानी रखेंगे.
1050 लीटर शराब बरामद, 497 उड़नदस्ता टीम की कड़ी नजर
नमामि बंसल ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन में शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है. 20 मार्च को नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में कुल 450 लीटर व चंपावत में 600 लीटर शराब बरामद की गई. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान कुल तीन करोड़ की शराब बरामद की गई थी. जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा निर्वाचन के दौरान कुल चार करोड़ 70 लाख रुपये की शराब बरामद की गई थी.
शराब वितरण में लगे वाहनों पर जीपीएस से निगरानी
उन्होंने बताया कि शराब का दुरुपयोग रोकने के लिए कुल 497 फ्लाइंग स्क्वाड गठित की गई है. राज्य स्तर पर शराब के कुल 628 वितरण केंद्रों के अलावा आठ बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरी की सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही शराब वितरण में लगे सभी वाहनों पर भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं.
इस बार चुनाव बहिष्कार की नहीं आएगी नौबत, 75 प्रतिशत मतदान कराना लक्ष्य
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान कुल 10 बूथों पर लोगों ने चुनाव बहिष्कार किया था. इनमें ज्यादातर बूथ उत्तरकाशी के थे. जबकि सहसपुर, घनसाली और हरिद्वार ग्रामीण में एक-एक बूथ पर बहिष्कार किया गया था, लेकिन इस बार अभी तक कहीं से भी बहिष्कार की शिकायत है.
सी-विजिल पर 625 शिकायतों का निस्तारण, दूरस्थ बूथों की संख्या हुई कम
सी-विजिल पर अब तक प्राप्त सभी 5625 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि 2019 में कुल 30 बूथ पी-थ्री (वह बूथ जहां तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होती हैं) ऐसे थे, जहां पोलिंग पार्टियों को पैदल पहुंचना पड़ा. इस बार ऐसे केवल 12 बूथ हैं. इनमें उत्तरकाशी के 11 और एक बूथ कनार धारचूला पिथौरागढ़ में है. यह बूथ 10 किलोमीटर है और यहां कुल 586 मतदाता हैं. जबकि उत्तरकाशी के लिवाड़ी की दूरी 20 किलोमीटर होने के साथ इस बूथ पर कुल 577 मतदाता हैं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार