Lok Sabha Election: उत्तराखंड में अपनी पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भाषण तो तराई क्षेत्र रुद्रपुर में दिया, लेकिन इसकी गूंज सुदूर पहाड़ों तक भी पहुंची. तीसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर और कडे़ प्रहार जैसी मोदी की दहाड़ को सभी ने गौर से सुना है. लोकसभा चुनाव में अपने विरोधियों के मुकाबले प्रचार में आगे चल रही भाजपा का जोश मोदी की इस सभा के बाद दोगुना हो गया है. माना जा रहा है कि सिर्फ नैनीताल लोकसभा सीट नहीं, बल्कि प्रदेश की पांचों सीटों पर मोदी की इस सभा का असर पडे़गा. वैसे, यह भी तय माना जा रहा है कि गढ़वाल मंडल के लिए मोदी एक या दो सभा अलग से कर सकते हैं.
इस बार लोकसभा चुनाव में अपेक्षाकृत अन्य दलों के भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान सबसे पहले किया है. इसका लाभ पार्टी को मिल रहा है कि उसके उम्मीदवारों ने अपने संसदीय क्षेत्र के काफी हिस्से को कवर कर लिया है. भाजपा के बडे़ नेताओं के कार्यक्रम अब उत्तराखंड के लिए बनने शुरू हुए हैं और शुरूआत में ही रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा ने कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार कर दिया है.
मोदी ने रुद्रपुर में जिस जगह सभा की, वो क्षेत्र तराई का है और मिली जुली आबादी वहां पर रहती है. यह क्षेत्र नैनीताल लोकसभा सीट का हिस्सा है. नैनीताल के अलावा कुमाऊं मंडल की दूसरी सीट अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ है, जो कि पूरी तरह से पर्वतीय सीट है. मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत में जिस तरह से पहाड़ के देवी-देवताओं को नमन करते हुए अपनी बात कही और संबोधन में आंचलिकता का पुट दिया, उससे साफ है कि तराई में मौजूद रहते हुए उत्तराखंड के पहाड़ उनके जेहन में अच्छी तरह से थे.
उन्होंने सभी तरह के वोटरों को कनेक्ट किया और भाजपा के लिए वोट मांगे. माना ये भी जा रहा है कि रूद्रपुर की सभा के बाद कुमाऊं मंडल में मोदी की किसी दूसरी सभा के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह गई है. गढ़वाल मंडल में जरूर एक से दो रैली हो सकती है. इसकी संभावना इसलिए भी है, क्योंकि कुमाऊं के मुकाबले गढ़वाल मंडल में लोकसभा सीटों की संख्या ज्यादा है. इस मंडल में तीन लोकसभा सीटें हैं और इनमें से दो सीटें हरिद्वार व पौड़ी गढ़वाल को हाॅट सीट माना जा रहा है.
हरिद्वार सीट के हाॅट होने की कई वजह हैं. यहां से भाजपा ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतारा है. गंगा नगरी हरिद्वार के चुनाव परिणाम का देशव्यापी संदेश जाना तय है. इसलिए भाजपा इस सीट पर खास फोकस किए हुए है. इसके अलावा, कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने अपने इस पूर्व संसदीय क्षेत्र में अपने बेटे को टिकट दिलाकर उसके लिए पूरी ताकत झोंक दी है. इन सारी वजहों से उत्तराखंड भाजपा चाहती है कि मोदी की एक सभा अलग से हरिद्वार में होनी जरूरी है.
दूसरी सीट पौड़ी गढ़वाल में भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय मीडिया टीम के संयोजक और पूर्व सांसद अनिल बलूनी को टिकट दिया है. बलूनी मोदी-शाह के करीबियों में शुमार किए जाते हैं. इस सीट पर कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को मैदान में उतारा है, जिनके नामांकन के दौरान हुए शक्ति प्रदर्शन ने भाजपा को भी हैरत में डाला है. अंकिता भंडारी हत्याकांड समेत कुछ एक स्थानीय मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाकर कांग्रेस इस सीट पर कांटे की टक्कर होने का दम भर रही है. देखा जाए, तो उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में सिर्फ ये ही एक ऐसी सीट है, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ दिख रहा है.
हालांकि ये सच्चाई भी अपनी जगह है कि इस पूरे संसदीय क्षेत्र में भाजपा ही सबसे ज्यादा ताकतवर है. इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत सिर्फ एक विधानसभा सीट बदरीनाथ कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन उसके विधायक राजेंद्र भंडारी कुछ दिन पूर्व भाजपा में शामिल हो चुके हैं. इन स्थितियों के बीच, उत्तराखंड भाजपा चाहती है कि जीत को सुनिश्चित करने के लिए मोदी की सभा इस संसदीय क्षेत्र मेें होनी आवश्यक है. यदि इसकी मंजूरी मिल सकती है, तो बहुत संभव है कि मोदी श्रीनगर में बलूनी के लिए वोट अपील करें. इस संसदीय क्षेत्र से एकदम लगता हुआ इलाका टिहरी सीट का भी है, जिसे श्रीनगर में सभा करके कवर किया जा सकता है.
वैसे, इस बात की भी चर्चा है कि यदि गढ़वाल मंडल के लिए भी मोदी की एक सभा ही मंजूर होती है, तो फिर बहुत संभव है कि यह सभा ऋषिकेश में आयोजित की जाए. इससे तीनों संसदीय क्षेत्रों को कवर किया जा सकेगा. ऋषिकेश का क्षेत्र हरिद्वार लोकसभा सीट के अंतर्गत है, जबकि चंद किलोमीटर के फासले पर ही टिहरी और पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से लगते क्षेत्र भी हैं. मोदी की यहां सभा होती है, तो संदेश तीनों लोकसभा सीटों तक आसानी से चला जाएगा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार