Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड स्थित ग्राम डुमक के निवासी गांव में सड़क न होने के कारण आक्रोशित हैं. लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए कई राजनीतिक दल आए मगर किसी ने भी वहां की बदहाल सड़कों पर ध्यान नहीं दिया. इस बीच आक्रोशित ग्रामीणों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा दिया है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि किसी भी दल के उम्मीदवार को उनका वोट चाहिए तो उन्हें वाहन पर बैठकर गांव आना होगा, अन्यथा वोट के लिए हमें शर्मिंदा न करें.
सैंजी लगा मैकोट-बैमरू-स्यूण-डुमक मोटर मार्ग की मांग को लेकर क्षेत्र की जनता एक लंबे समय से संघर्षरत है. वर्ष 2009-10 में वन भूमि हस्तातंरण के बाद कार्य तो शुरू हुआ लेकिन आधा-अधूरा कार्य होने के बाद आज तक आगे नहीं बढ़ पाया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने लंबे समय तक गांव में धरना प्रदर्शन किया, लेकिन समस्या का हल नहीं हो पाया. ऐसे में अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बनाया है.
डुमक विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह का कहना है कि जब किसी भी सरकार को उनके गांव का विकास करना ही नहीं है तो फिर वोट देने का क्या औचित्य रह जाता है. वर्तमान समय में भी ग्रामीण आंदोलित हैं और हर दिन गांव में प्रदर्शन कर अपनी मांग को मनवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है. इसलिए ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है. साथ ही सभी राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों से गुजारिश की है कि यदि वोट मांगने के लिए गांव में आना हो तो सड़क मार्ग से आएं और वाहन में बैठकर गांव तक पहुंचे अन्यथा वोट के लिए हमें शर्मिंदा न करें.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार