Dehradun: उत्तराखंड में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 वल्नरबल बूथ चिन्हित किये गये हैं. राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार और वल्नरबल बूथ देहरादून में जिले में हैं. चिन्हित वल्नरबल बूथों पर विशेष रूप से पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की जाएगी.
निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने शेयर किया डाटा
प्रेस ब्रीफिंग में उक्त जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये हैं. राज्य में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 वल्नरबल बूथ चिन्हित किये गये हैं. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में 344, देहरादून जनपद में 278 और उधमसिंह नगर में 158 पाये गये हैं. सबसे अधिक वल्नरबल बूथ देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229 और नैनीताल जनपद में 201 पाये गये हैं. सभी जनपदों में उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों की संख्या कम और अधिक हो सकती हैं.
उन्होंने कहा कि चिन्हित वल्नरबल बूथों में विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती की जाती है. क्रिटिकल बूथों पर माईक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, अतिरिक्त मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है.
वल्नरबल बूथ और क्रिटिकल बूथ के मानक
वल्नरबल बूथ की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं,जिनमें पूर्व में निर्वाचन के दौरान कोई घटना हुई हो, जिसमें आपराधिक मामला शामिल हो. वहां पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो जिससे चुनाव बाधित हुआ हो. यदि किसी बूथ में गत निर्वाचन में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे बूथ जिनमें गत वर्ष 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही उम्मीदवार के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है. यदि किसी बूथ पर मतदान के दिवस पर औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार