Dehradun: देश के लोकतंत्र के पर्व में जहां युवा मतदाताओं में खासा उत्साह है तो वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर ऐसे मतदाता भी आकुल हैं जो जिंदगी के 100 वर्ष पूरे कर चुके हैं. मतदान प्रतिशत बढ़ाने के साथ वयोवृद्ध मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर निर्वाचन आयोग उत्साहित है तो वहीं 100 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को लोकतंत्र में भागीदारी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
चुनाव आयोग का तर्क है कि डाक मतपत्र की सुविधा मिलने से चुनाव में 100 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाता भी अपने मतों का प्रयोग कर लोकतंत्र में आहुति देंगे. वहीं अन्य लोग भी मतदान के प्रति जागरूक होंगे, जो मतदान प्रतिशत बढ़ाने में कारगर साबित होगा. हरिद्वार निवासी 108 वर्षीय बुजुर्ग पुरुषोत्तम दत्त शर्मा कहते हैं कि वे अब भी अपना वोट देने जाते हैं. वोट देने का अधिकार सबका है. उन्होंने युवा, महिला-पुरुष समेत सभी मतदाताओं से वोट अवश्य डालने की अपील की.
बुजुर्ग मतदाताओं ने चुनाव आयोग को किया धन्यवाद
लोकतंत्र में आहुति देने के बाद बुजुर्ग मतदाताओं ने घर बैठे मतदान करने का अवसर देने के लिए निर्वाचन आयोग का धन्यवाद किया है. घर से ही डाक मतपत्र के जरिए मतदान कर चलने-फिरने में असमर्थ शरीर से अशक्त बुजुर्गों की चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही थी. उनका कहना है कि यह बड़ी खुशी की बात है कि वे घर ही पर मतदान किए हैं, क्योंकि मतदान केंद्र तक जा नहीं सकते. अब उन्हें मतगणना और चुनाव परिणाम का इंतजार है.
वर्ष 2022 में 13732 वृद्ध और 2162 दिव्यांग मतदाताओं ने डाला था वोट
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव में ऐसे मतदाताओं को घर से ही डाक मतपत्र के जरिए मतदान की सुविधा दी गई है. 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं में से जिसने भी इसका विकल्प दिया था. उन्हें इसकी सुविधा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव में 13732 वृद्ध और 2162 दिव्यांग मतदाताओं ने घर पर मतदान की सुविधा का उपयोग किया था.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार