Nainital: हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने हाल ही में एक विशेष अपील पर निर्णय पारित करते हुए कहा कि किसी कर्मचारी को पेंशन लाभ से वंचित करके राज्य को अपनी गलती का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 हजार अर्थदंड भी लगाया.
मामले के अनुसार ऊधमसिंह नगर के महुवाडबरा नगर पंचायत के ईओ प्रकाश चंद्र हरबोला लगभग तीन दशकों की सेवा के बाद 2015 में सेवानिवृत्त हुए लेकिन सरकार ने उन्हें सेवा लाभ नहीं दिया जिसके बाद 2018 में न्यायालय पहुंचे और 2021 में उनके पक्ष में निर्णय आया. राज्य सरकार ने 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए एक विशेष अनुमति याचिका दायर की और प्रक्रियात्मक आधार पर हरबोला को पेंशन लाभ देने के विरोध में तर्क दिया. हरबोला के अधिवक्ता ने उस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि हरबोला की नियुक्ति 1982 में द्वाराहाट नगर पंचायत, जिला अल्मोड़ा में लिपिक के पद पर हुई थी. 1991 में वरिष्ठतम लिपिक होने के नाते तत्कालीन जिलाधिकारी ने सरकारी स्वीकृति लेकर उन्हें सचिव पद पर नियुक्त कर दिया. बाद में 1994 में नगर पालिका संशोधन अधिनियम लागू हुआ और सचिव पद कार्यकारी अधिकारी में बदल गया.
उत्तराखंड के निर्माण के छह वर्ष बाद 2006 में राज्य सरकार ने उन्हें मूल पद पर वापस कर दिया. उन्होंने उस आदेश को चुनौती दी जिसे हाई कोर्ट ने रद कर दिया और उन्हें केदारनाथ नगर पंचायत में कार्यकारी अधिकारी के पद पर बहाल कर दिया. 31 जनवरी, 2015 को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद वह सेवानिवृत्त हो गए.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार