Baba Tarsem Singh Case: उत्तराखंड के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड का एक मुख्य आरोपित अमरजीत मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया है. पुलिस ने इसको लेकर आज बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार अमरजीत के तार आतंकवादियों से जुड़े थे इसके साथ ही उससे जुड़े कई राजों से पर्दा उठाया गया है जिसके बारे में यहां बता रहे हैं.
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. इस हत्या के पीछे के कारणों को जानने के लिए पुलिस कई संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है. हालांकि अभी तक हत्या के कारणों का कोई स्पष्ट खुलास नहीं हुआ है, पुलिस का कहना है कि बाबा की हत्या के पीछे कई नामी-गिरामी चेहरों के होने की संभावना है. जिन दो व्यक्तियों ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या की थी, वह दोनों सुपारी किलर थे.
अबतक क्या हुआ?
आपको बता दें कि पुलिस ने हत्याकांड में कुल 11 आरोपित चिन्हित किए हैं. इस मामले में अब तक सात आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं. मुख्य आरोपितों में से आज एक पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है. जबकि तीन आरोपित फरार चल रहे हैं. हालांकि अभी बाबा तरसेम सिंह की हत्या का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका है.
उधमसिंह नगर जनपद के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपित बदमाश अमरजीत उर्फ बिट्टू के साथ हरिद्वार में पुलिस की हुई मुठभेड़ के संबंध में कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन में प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि सोमवार की देर शाम एसटीएफ एसएसपी हरिद्वार को बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित इनामी बदमाशों के सहारनपुर से हरिद्वार भगवानपुर कलियर होकर मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश जाने की गुप्त सूचना मिली.
इस पर पूरे हरिद्वार जनपद में जगह-जगह एसटीएफ टीम के साथ संयुक्त रूप से सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत गागलहेड़ी तिराहे पर चेकिंग प्वाइंट पर मोटरसाइकिल से आ रहे दो संदिग्ध बदमाशों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो दोनों बदमाश तेजी से भगवानपुर से इमलीखेड़ा-कलियर की तरफ भागने लगे. पुलिस टीम ने पीछा कर उन बदमाशों को घेर लिया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायर किया. इस पर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश अमरजीत को गोली लगी. जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गया. घायल बदमाश को तत्काल सिविल अस्पताल रुड़की भेजवाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके से एक पिस्टल, छह कारतूस, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है.
बदमाश पर एक लाख रुपये था इनाम
मृतक बदमाश अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू (48) पुत्र सुरेंद्र सिंह, फतेहगढ़ चूड़ियां रोड नगलीभट्टा, अमृतसर- पंजाब और सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, जो एक लाख रुपये का इनामी था और उधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित था.
यह था मामला
दरअसल, गत 28 मार्च को थाना नानकमत्ता क्षेत्र में डेरा कारसेवा नानकमत्ता के प्रधान बाबा तरसेम सिंह की रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और बाबा के सेवादार पर भी जान से मारने की नियत से फायर किया गया था. इस संबंध में नानकमत्ता थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया. हत्याकांड में एक लाख के इनामी अभियुक्त सरबजीत सिंह, वांछित सुल्तान सिंह व सतनाम सिंह की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही है.
शूटर अमरजीत का आपराधिक इतिहास
शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश का अपराधों से पुराना नाता रहा है. 13 नवंबर 1991 को शूटर अमरजीत ने अपने साथियों के साथ आतंकवादियों को पनाह देने और आतंकवादियों के साथ मिलकर खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के संबंध में रामपुर के कोतवाली बिसालपुर में मुकदमा पंजीकृत है.
गत18 मई 2007 को पंजाब नेशनल बैंक शाखा गदरपुर में छह लाख 22 हजार 618 रुपये व मोबाइल फोन की डकैती डालने, शाहजहांपुर में 18 मई 2011 को भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा कस्बा पुवाया में बैंक कर्मियों व ग्राहकों को बंधक बनाकर 27.53 लाख की डकैती, रुद्रपुर थाना में 16 सितंबर 2014 को पंजाब एण्ड सिंध बैंक में घुसकर गैस कटर से बैंक एटीएम को काटकर चोरी का प्रयास करना एवं पुलिस के मौके पर पहुंचने पर जान से मारने की नियत से पुलिस पर फायर करना, मौके पर मय असलाह गिरफ्तार के संबंध में मुकदमा दर्ज है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार