तेल अवीव: इजराइल पर हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध के बीच शुक्रवार को इजराइल पर हिजबुल्लाह ने बड़ा हमला कर दिया है. चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह ने उत्तरी इलाके गैलिली के ऊपर एक साथ 40 से अधिक रॉकेट दागे और इन रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी ली है. लेबनान में ईरान के हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि उसने उत्तरी इजराइल में इजराइली सेना की तोपों को निशाना बनाते हुए दर्जनों रॉकेट दागे हैं.
इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने रॉकेट हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ है. आईडीएफ के वार रूम ने हमले का वीडियो भी जारी किया है. उधर लेबनान के रॉकेट हमलों के बाद अमेरिका और सतर्क हो गया है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने ईरानी हमले की आशंका के बीच मध्य पूर्व में अतिरिक्त सेना भेज रहे हैं.
आईडीएफ ने कहा, लेबनान इलाके से उत्तरी इजरायल में करीब 40 रॉकेट दागे गए, जिनमें से कुछ को आयरन डोम एयर डिफेंस प्रणाली ने ध्वस्त कर दिया जबकि कुछ ने खुले इलाकों को प्रभावित किया या फिर लेबनान के अंदर गिरे. घटना के दौरान सायरन बजते रहे. इसके पहले आईडीएफ ने कहा था कि एयर डिफेंस ने उत्तरी इजरायल में हिजबुल्लाह द्वारा लॉन्च किए गए दो विस्फोटकों से भरे ड्रोन को मार गिराया है.
उधर लेबनान के रॉकेट हमलों के बाद अमेरिका और सतर्क हो गया है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका ने ईरानी हमले की आशंका के बीच मध्य पूर्व में अतिरिक्त सेना भेज रहे हैं. लेकिन अमेरिका के लिए खाड़ी राज्यों ने एक नई परेशानी खड़ी कर दी है. कुवैत और कतर ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चेतावनी दी है कि ईरान पर हमला करने के लिए वह अपने क्षेत्र पर सैन्य अड्डों के उपयोग की अनुमति नहीं देंगे. बता दें कि अमेरिका का खाड़ी देश में बहुत बड़ा सैन्य बेस है जहां तकरीबन 40 हजार सैनिक तैनात हैं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार